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होमगार्ड्स की दिवाली अंधेरे में, 6 माह से नहीं मिला मानधन, आर्थिक संकट झेल रहे

डिजिटल डेस्क, नागपुर । होमगार्ड्स की दिवाली इस बार अंधेरे में रहने वाली है। होमगार्ड्स ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें करीब 6 माह से मानधन नहीं मिला है। मार्च महीने से उन्हें बंदोबस्त की ड्यूटी पर लगाया गया है। पुलिस जवानों के साथ 12-12 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। बंदोबस्त ड्यूटी समाप्त होने के बाद उन्हें मानधन नहीं दिया जाता है। होमगार्ड के सामने परिवार का पालन-पोषण करने की सबसे बड़ी समस्या रहती है। मध्यप्रदेश के होमगार्ड को समय पर मानधन दिया जाता है।
नागपुर में होमगार्ड को 8 से 10 हजार रुपए मानधन दिया जाता है, जबकि मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के होमगार्ड को इससे अधिक मानधन दिया जाता है। कुछ होमगार्ड ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें मार्च - अप्रैल 2019 में महाराष्ट्र राज्य शुल्क विभाग (शराब बंदी) बंदोबस्त के लिए 50 होमगार्ड को 22 दिनों तक बंदोबस्त में लगाया गया था। इसके लिए 400 रुपए प्रतिदिन मानधन देना तय किया गया था। यह मानधन उन्हें अभी तक नहीं दिया गया है। जून - अगस्त 2019 में बारिश के दिनों में आपदा प्रबंधन विभाग ने 26 होमगार्ड जवानों को 64 दिनों के लिए बंदोबस्त में लगाया था। इसका मानधन भी उन्हें नहीं मिला है।
अप्रैल से मानधन में वृद्धि
होमगार्ड्स के जवानों का कहना है कि अप्रैल 2019 से उनके मानधन में वृद्धि कर दी गई है। 9 अप्रैल 2019 से उन्हें 670 रुपए बंदोबस्त में लगने पर प्रतिदिन का मानधन दिया जाता है। इस दौरान बंदोबस्त में लगाए गए 64 जवानों को अभी तक मानधन नहीं मिला है। आरोप है कि अगस्त महीने में बकरीद, कृष्ण जन्माष्टमी, पोला, गणपति बंदोबस्त, मोहर्रम बंदोबस्त, नवरात्रि उत्सव व धम्मचक्र प्रवर्तक दिवस के बंदोबस्त का मानधन भी अभी तक नहीं दिया गया है। लोकसभा चुनाव बंदोबस्त में करीब 700 होमगार्ड्स को बंदोबस्त में लगाया गया था। इस तरह प्रत्येक होमगार्ड का अब तक के बंदोबस्त का करीब 15 से 16 हजार रुपए का मानधन होता है, लेकिन यह मानधन नहीं दिए जाने से उनकी दिवाली अंधेरे में बीतने वाली है।
कोई प्रतिक्रिया नहीं दी
उक्त मामले को लेकर नागपुर स्थित होमगार्ड समुपदेशक कार्यालय की अधिकारी मोनिका राऊत ने जब उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया तब उन्होंने फोन नहीं उठाया और तब उन्हें संदेश भेजा गया। इस पर भी उन्होंने कोई पक्ष नहीं रखा और न तो कोई प्रतिक्रिया दी।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।