होटल-पर्यटन उद्योग के लिए नहीं आई दिवाली, सरकार से मदद की गुहार 

Hotel industry requesting help from government
होटल-पर्यटन उद्योग के लिए नहीं आई दिवाली, सरकार से मदद की गुहार 
होटल-पर्यटन उद्योग के लिए नहीं आई दिवाली, सरकार से मदद की गुहार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण के चलते मुश्किल दौर से गुजर रही होटल और रेस्टारेंट इंडस्ट्री के लिए यह दिवाली खुशियों वाली नहीं रही। पर्यटन उद्योग के लिए यह मौसम गोल्डन पीरियड माना जाता है। लेकिन महामारी के चलते विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बंद है ही, घरेलू पर्यटक भी घूमन-फिरने से परहेज कर रहे हैं। नुकसान भरपाई के लिए होटल इंडस्ट्री ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। 

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टारेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते त्यौहार के मौसम में भी शहरों में 15 फीसदी और हिल स्टेशनों पर 25 फीसदी ही ग्राहक पहुंच रहे हैं। इसलिए इंडस्ट्री द्वारा लिए गए कर्जों के भुगतान के लिए पुनर्गठन किया जाए। साथ ही इंडस्ट्री को बचाने के लिए कम दर पर कर्ज की भी व्यवस्था की जाए।

कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के बाद होटल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री बेहद बुरे दौर से गुजर रही है। आम तौर पर त्यौहारों के इस मौसम में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक घूमने आते थे। अक्टूबर से दिसंबर तक का महीना इस उद्योग के लिए स्वर्णिम माना जाता है। लेकिन लॉकडाउन में ढील के बाद भी ज्यादातर लोग घरों से निकलने में परहेज कर रहे हैं। 

होटल और रेस्टारेंट को 50 फीसदी ग्राहकों के साथ खोलने की इजाजत मिल गई है, लेकिन संक्रमण के डर से 15 फीसदी ग्राहक ही यहां पहुंच रहे हैं। ऐसे में इनके मालिकों के लिए कर्मचारियों का वेतन और दूसरे खर्च भी निकालना मुश्किल है। एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरूबख्शीश सिंह कोहली ने कहा कि जो थोड़े बहुत लोग होटल और रेस्टारेंट तक पहुंच रहे हैं, उनमें से ज्यादातर पर्यटक नहीं हैं। लॉकडाउन में एक जगह फंसे होने से परेशान होकर वे दूसरी जगहों पर जा रहे हैं। इसलिए ऐसे लोगों से वह आमदनी नहीं हो रही है, जो आम तौर पर पर्यटकों से होती है।

अगर एक दो महीने और ऐसे ही हालात रहे, तो इंडस्ट्री के लिए आगे कामकाज कर पाना मुश्किल होगा। वित्तीय संस्थाओं ने इंडस्ट्री को निगेटिव सूची में डाल दिया है। ऐसे में सरकार की मदद बेहद जरूरी है। एफएचआरएआई के संयुक्त सचिव प्रदीप शेट्टी ने कहा कि पिछले आठ महीनों से हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की आय बिल्कुल ठप है। ऐसे में होटल और रेस्टारेंट अपने छोटे मोटे खर्च उठा पाने में भी मुश्किल का सामना कर रहे हैं। इन हालात में सरकार के मदद के अलावा कोई चारा नहीं  है।


 

Created On :   10 Nov 2020 12:57 PM GMT

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