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मुख्यमंत्री के खिलाफ दायर पीआईएल सुनवाई योग्य कैसे?

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को याचिका की ग्राह्यता पर पक्ष रखने के निर्देश, अगली सुनवाई 30 मार्च को
डिजिटल डेस्क जबलपुर । केन्द्र सरकार के नागरिकता संशोधन बिल को प्रदेश में लागू न करने को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा 25 दिसम्बर 2019 को दिए गए बयान को चुनौती देकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई 30 मार्च तक के लिए बढ़ गई है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को कहा है कि याचिका की ग्राह्यता पर वे अगली सुनवाई पर पक्ष रखें और यह भी बताएं कि इस मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में कैसे की जा सकती है। अखिल भारतीय मलयाली संघ भोपाल के सोमन के मेनन व 3 अन्य की ओर से इस याचिका में मुख्यमंत्री द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिए गए बयान को गैरजिम्मेदार और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बताया गया है।
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सोमन के मेनन ने अपना पक्ष स्वयं रखा जबकि राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता भूपेश तिवारी हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को पक्ष रखने के निर्देश देकर सुनवाई 30 मार्च तक के लिए बढ़ा दी।
Created On :   11 Feb 2020 1:37 PM IST