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कैशलेस सुविधा के बावजूद कैसे ली नकद रकम, दो अस्पतालों पर डेढ़-डेढ़ लाख जुर्माना

शैल्बी और महाकोशल हॉस्पिटल पर सीजीएचएस की कार्यवाही
डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिस दौरान कोविड-19 पीक पर रहा उसी दौरान निजी अस्पतालों ने मरीजों से खूब वसूली की। खास बात यह है कि सीजीएचएस की कैशलेस सुविधा वाले पेशेंट्स को एडमिट करने से मनाही की जाती रही। पूरा उपचार नकद पेमेंट पर किया गया। शिकायतों और सबूतों पर गौर करने के बाद सीजीएचएस एडीशनल डायरेक्टर ने शैल्बी और महाकोशल हॉस्पिटल पर डेढ़-डेढ़ लाख का जुर्माना लगाया है। सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम में इस बात का साफ प्रावधान है कि कार्डहोल्डर को बगैर पैसे लिए एडमिट किया जाए। इसके लिए दिल्ली मुख्यालय ने रेट लिस्ट भी जारी की थी, लेकिन इसके बावजूद शहर के अधिकांश अस्पतालों ने न इस गाइडलाइन का पालन किया और न ही वसूली में कोई कसर छोड़ी।
सिक्योरिटी डिपॉजिट से कटेगा जुर्माना
शिकायतें मिलने पर सीजीएचएस की ओर से छानबीन शुरू की गई। पड़ताल में सच्चाई सामने आने के बाद शैल्बी और महाकोशल अस्पताल के खिलाफ जुर्माना तय किया गया और जुर्माने की रकम अस्पतालों के साथ अनुबंध की सिक्योरिटी राशि से काटने के आदेश भी जारी कर दिए गए।
5 की शिकायत, कार्यवाही दो पर - सीजीएचएस हितग्राहियों से रकम वसूली के मामले पर पाँच अस्पतालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। सिटिजन वेलफेयर एसोसिएशन के सुभाष चंद्रा, कुंवर सिंह, एसपी त्यागी, एसके मिश्रा व पीके मल्होत्रा का आरोप है कि एडीशनल डायरेक्टर के संरक्षण में निजी अस्पतालों के हौसले बुलंद हैं। अँधाधुँध वसूली की जा रही है।
दो ने पैसे भी लौटाए
संक्रमण के तेजी से फैलने के दौरान जब सीजीएचएस कार्ड होल्डर्स को एडमिट नहीं किया जा रहा था तभी कुछ और अस्पतालों में नकद वसूली के मामले सामने आए। हालाँकि शिकायत के बाद स्वास्तिक और मेडिसिटी हॉस्पिटल प्रबंधन ने यह कहते हुए रकम वापस कर दी कि उन्हें मरीज के सीजीएचएस हितग्राही होने की जानकारी ही नहीं दी गई थी।
Created On :   11 Oct 2020 6:36 PM IST