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करोड़ों की हेराफेरी के मामले की जांच कहां तक पहुंची? - हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिला पंचायत खण्डवा में 6 साल पहले 9 करोड़ रुपए से अधिक की हेराफेरी के मामले पर दर्ज हुई एफआईआर की जांच का ब्यौरा पेश करने हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को समय दिया। चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी।
एकाउण्ट ऑफीसर राजीव जैन के खिलाफ शिकायत दी थी खण्डवा के चौक बाजार निवासी लक्ष्मण केल्डे की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ प्रमोद त्रिपाठी ने वहां के कोतवाली थाने में तत्कालीन एकाउण्ट ऑफीसर राजीव जैन के खिलाफ शिकायत दी थी। सीईओ का आरोप था कि श्री जैन ने 9 करोड़ 61 लाख 65 हजार रुपए की हेराफेरी की है। इस मामले की एफआईआर 17 मई 2013 को दर्ज की गई थी। याचिका में आरोप है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। याचिका में राहत चाही गई है कि जांच पूरी करके चालान पेश करने के निर्देश अनावेदकों को दिए जाएं।
मामले पर गुरुवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता इश्तियाक अहमद और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता एचके उपाध्याय हाजिर हुए। श्री उपाध्याय ने मामले पर निर्देश लेकर पक्ष रखने के लिए समय मांगा, जो युगलपीठ ने प्रदान किया।
Created On :   22 Nov 2019 3:08 PM IST