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शांति स्मारक के संरक्षित क्षेत्र में कैसे बन रहा कमर्शियल कॉम्पलैक्स?

नरसिंहपुर के जनपद मैदान में हो रहे निर्माण को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, सुनवाई 19 को
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नरसिंहपुर के सौ साल पुराने शांति स्मारक से लगी हुई संरक्षित भूमि पर कमर्शियल कॉम्पलैक्स के निर्माण को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार व अन्य से जवाब तलब किया है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश देकर अगली सुनवाई 19 फरवरी को निर्धारित की है।
यह जनहित याचिका नरसिंहपुर गोटेगांव के बरहेटा ग्राम निवासी कृषक कालूराम पटेल उर्फ खोजी बाबा और नरसिंहपुर के ही जगदीश मनिभाई मनसाता की ओर से दायर की गई है। आवेदकों का कहना है कि नरसिंहपुर के जनपद मैदान में सौ साल पुराना शांति स्मारक बना हुआ है, जिसे वर्ष 2015 में राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था। उसी स्मारक से लगी हुई करीब दो लाख वर्गफुट जमीन पर जिला पंचायत द्वारा कमर्शिलय काम्पलैक्स का निर्माण कराया जा रहा है। याचिका में आरोप है कि स्मारक को डीनोटिफाई किए बिना और बिना नक्शे व अन्य किसी इजाजत के इस कमर्शियल कॉम्पलैक्स का निर्माण कार्य किया जा रहा। जबकि राज्य संरक्षित स्मारक के दो सौ मीटर दायर में किसी भी तरह का कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। आवेदकों का यह भी आरोप है कि सारे नियमों को ताक पर रखकर कमर्शियल कॉम्पलैक्स का निर्माण किया जा रहा, जो अवैधानिक है। इस बारे में संबंधितों को शिकायतें देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। इन आधारों के साथ दायर याचिका में मप्र शासन के मुख्य सचिव, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव, पुरातत्व विभाग भोपाल के आयुक्त, ईस्टर्न रीजन के डिप्टी डायरेक्टर, नरसिंहपुर कलेक्टर व जिला पंचायत नरसिंहपुर के सीईओ को पक्षकार बनाया गया है। मामले पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार सालुंके और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने किया शिलान्यास
याचिका में कहा गया है कि नियमों के खिलाफ बनाए जा रहे इस कमर्शियल कॉम्पलैक्स का शिलान्यास प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विगत 14 अक्टूबर को किया था। लौटाया जाए पुराना स्वरूप: आवेदकों ने राहत चाही है कि याचिका सुनवाई के बाद मंजूर होने की स्थिति में स्मारक को उसके पुराने स्वरूप में लौटाने के निर्देश जिला पंचायत को दिए जाएं। अंतरिम राहत पर होगी सुनवाई: याचिका में निर्माण कार्य पर रोक लगाए जाने की राहत पर युगलपीठ अनावेदकों का जवाब आने के बाद आगामी 19 फरवरी की सुनवाई पर विचार करेगी।
Created On :   5 Feb 2020 1:29 PM IST