हाईकोर्ट ने पूछा सवाल - मैट के चेयरमैन की नियुक्ति में कितना समय लगेगा, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली के खिलाफ याचिका

How long will it take to appoint MATs chairman, High Court questioned
हाईकोर्ट ने पूछा सवाल - मैट के चेयरमैन की नियुक्ति में कितना समय लगेगा, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली के खिलाफ याचिका
हाईकोर्ट ने पूछा सवाल - मैट के चेयरमैन की नियुक्ति में कितना समय लगेगा, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली के खिलाफ याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र प्रशासकीय पंचाट (मैट) में 6 माह से रिक्त पडे चेयरमैन के पद पर नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को कितना समय लगेगा? सोमवार को बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से यह सवाल किया। इससे पहले केंद्र सरकार के वकील ने न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी की खंडपीठ के सामने कहा कि केंद्र सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग को राज्य सरकार की ओर से चेयरपद पर नियुक्ति के संबंध में भेजे गए प्रस्ताव की प्रति मिल गई है।  सरकार इस पर तेजी से कदम उठा रही है। केंद्र सरकार के वकील ने इस दौरान कर्मिक विभाग के सचिव का हलफनामा भी दायर किया। इस पर खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अक्टूबर 2019 में प्रस्ताव भेजा गया था। दो महीने बाद भी अब तक चेयरमैन पद से जुड़े प्रस्ताव को लेकर कदम क्यों नहीं उठाए गए? आखिर केंद्र सरकार को चेयरमैन पद पर नियुक्ति के लिए कितना समय चाहिए। खंडपीठ ने कहा कि मैट में मुख्य रुप से नियुक्ति व सेवा शर्तों से जुड़े मामले चलते है।  जहां पर लाखों कर्मचारियों के मामले प्रलंबित है। चेयरमैन न होने के चलते मैट का नियमित कामकाज भी सही ढंग से नहीं हो पाता है। चेयरमैन न होने से मैट में न तो किसी की नियुक्ति हो पाती है और न ही किसी का तबादला। एक तरह वहां का कामकाज ठप्प हो जाता है। मैट में  दो प्रशासकीय व दो न्यायिक सदस्य के पद रिक्त है। जो चेयरमैन न होने के कारण नहीं भर पा रहे है। गौरतलब है कि 15 जुलाई 2019 से मैट के चेयरमैन का पद रिक्त है। खंडपीठ के सामने सामाजिक कार्यकर्ता कन्हैया महामुनी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। खंडपीठ फिलहाल कहा है कि सरकार तय समय के भीतर मैट के चेयरमैन की नियुक्ति करे। और मामले की सुनवाई क्रिसमस की छुटि्टयों के बाद रखी है। 


मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका

मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका आरटीआई कार्यकर्ता प्रवीण वाटेगांवकर ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली को लेकर साल 2004 में  ठेका जारी किया गया था।  15 सालों में यानी आठ अगस्त 2019 तक एक्सप्रेस वे से अपेक्षित टोल की वसूली कर ली गई है। इसलिए अब एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली बंद की जाए। सोमवार को श्री वाटेगांवकर ने न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया। खंडपीठ ने याचिका पर क्रिसमस की छुटि्टयों के बाद सुनवाई रखी है। 
 

Created On :   16 Dec 2019 12:51 PM GMT

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