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बर्ड फ्लू को लेकर वर्ष 2006 में गठित मॉनीटरिंग कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल हुआ ?
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार से पूछा है कि बर्ड फ्लू को लेकर वर्ष 2006 में गठित की गई मॉनीटरिंग कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल किया गया है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने इस संबंध में एक सप्ताह में जवाब माँगा है। मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को नियत की गई है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से कहा गया है कि देश के मध्य प्रदेश सहित 11 राज्यों में बर्ड फ्लू फैल चुका है। कोरोना महामारी के इस दौर में बर्ड फ्लू का खतरा और बढ़ गया है। याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में पोल्ट्री उद्योग बहुतायत में है। यदि प्रदेश में बर्ड फ्लू फैला तो काफी नुकसान हो सकता है।
मॉनीटरिंग कमेटी की सिफारिशों पर नहीं हुआ अमल
अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी मॉनीटरिंग कमेटी की सिफारिशों पर राज्य सरकार द्वारा अमल नहीं किया गया है। इसकी वजह से बर्ड फ्लू फैलने का खतरा बना हुआ है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि वर्ष 2006 में गठित मॉनीटरिंग कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल किया गया है।
वर्ष 2006 में भी फैला था बर्ड फ्लू
याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2006 में भी बर्ड फ्लू फैला था। उस दौरान डॉ. वायसी चाऊ की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने डॉ. जेएल वेगड़ और अन्य विशेषज्ञों की मॉनीटरिंग कमेटी बनाई थी। मॉनीटरिंग कमेटी ने सिफारिश की थी कि प्रदेश में बर्ड फ्लू की जाँच के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रयोगशालाएँ बनाई जाएँ। बर्ड फ्लू को लेकर जनजागरूकता फैलाई जाए। इसके साथ ही बर्ड फ्लू पक्षियों की बीट और यूरिन से फैलता है, इसके लिए पोल्ट्री फार्म में काम करने वालों को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि बर्ड फ्लू पर काबू किया जा सके। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मॉनीटरिंग कमेटी की सिफारिशों पर अमल करने का निर्देश देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था।
Created On :   16 Jan 2021 6:53 PM IST