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बिना पंजीयन कैसे काम कर रही मत्स्य समिति, 60 दिन में करो अभ्यावेदन पर निर्णय
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने टीकमगढ़ के बहादुरगढ़ तालाब में बिना पंजीयन मछली पालन कर रही मत्स्य समिति के मामले में सख्त रूख अपनाया है। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने टीकमगढ़ के सीईओ को निर्देश दिया है कि मत्स्य समिति का पट्टा निरस्त करने के अभ्यावेदन पर 60 दिन में निर्णय किया जाए। एकल पीठ ने अभ्यावेदन के निराकरण के दौरान सभी पक्षों को विधि अनुसार सुनवाई का अवसर दिए जाने का निर्देश दिया है।
यह है मामला
यह याचिका मत्स्य उद्योग सहकारी समिति नारायणपुर टीकमगढ़ की ओर से दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि उनकी समिति पंजीकृत है और उसके 342 सदस्य है। वर्ष 2016 में टीकमगढ़ जिला पंचायत ने बहादुरगढ़ सिंचाई तालाब को मछली पालन के लिए 10 वर्ष के लिए पट्टे पर देने के लिए निविदा निकाली थी। निविदा के अनुसार पट्टा प्राप्त करने वाली समिति को एक वर्ष के भीतर पंजीयन कराना अनिवार्य था। यह शर्त रखी गई थी कि पंजीयन नहीं होने पर पट्टा निरस्त कर दिया जाएगा। टीकमगढ़ की बिना पंजीकृत मत्स्य उद्योग समिति को 10 वर्ष के लिए पट्टा दिया गया। इस समिति ने एक वर्ष बीत जाने के बाद भी पंजीयन नहीं कराया।
शर्तों का उल्लघंन करने पर नहीं निरस्त किया पट्टा
अधिवक्ता अजय कुमार शुक्ला और ओपी मिश्रा ने तर्क दिया कि मत्स्य उद्योग समिति ने एक वर्ष के बाद भी पंजीयन नहीं कराया। शर्तों का उल्लघंन करने पर मत्स्य उद्योग सहकारी समिति नारायणपुर ने पट्टा निरस्त के लिए 13 जनवरी 2020 को टीकमगढ़ जिला पंचायत के सीईओ को अभ्यावेदन दिया, लेकिन अभी तक अभ्यावेदन पर निर्णय नहीं िलया गया है। पट्टा निरस्त होने की स्स्थिति में बहादुरगढ़ तालाब मत्स्य उद्योग सहकारी समिति नारायणपुर को मिलना चाहिए। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने 60 दिन में अभ्यावेदन पर निर्णय करने का निर्देश दिया है।
Created On :   14 Aug 2021 3:54 PM IST