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कैसे करेंगे बाबा साहेब, फुले की हस्तलिखित पांडूलिपी का संरक्षण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह डा बाबा साहब आंबेडकर व समाज सुधारक ज्योतिबाराव फुले की हस्तलिखित पांडुलिपियों का संरक्षण कैसे करेगी और इसके लिए कौन से कदम उठाएंगी। इससे पहले कोर्ट को बताया गया कि दक्षिण मुंबई की जिस पुरानी इमारत में डा आंबेडकर व फुले की पांडुलिपियों को रखा गया है, वह काफी पुरानी इमारत है। ऐसे में यदि तेज बरसात होगी तो पांडुलिपियों के नष्ट होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति एसडी कुलकर्णी की खंडपीठ ने इस बात को जानने के बाद राज्य सरकार से पूछा कि वह डा बाबा साहब आंबेडकर व समाजसुधारक ज्योतिबाराव फुले की हस्तलिखित पांडुलिपियों का संरक्षण कैसे करेगी। इसके लिए कौन से कदम उठाएंगी। इस पर सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने कहा कि वे इस विषय पर हलफनामा दायर करेंगी। इसके बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।
दरअसल पिछले साल राज्य सरकार द्वारा बाबा साहब आंबेडकर से जुड़े साहित्य को प्रकाशित करने से जुड़े प्रोजेक्ट को रोक दिया है। हाईकोर्ट ने इस खबर का संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया था और मामले की पैरवी के लिए अधिवक्ता स्वाराज जाधव को न्यायमित्र के रुप में नियुक्त किया था। गुरुवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता जाधव ने खंडपीठ के सामने कहा कि फुले व बाबा साहेब आंबेडकर की मूल पांडुलिपियां दक्षिण मुंबई की एक पुरानी इमारत के अस्वच्छ कमरे में रखी गई हैं। पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए जरुरी सावधानिया नहीं बरती जा रही हैं। बरसात की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में पूरी आशंका है कि बरसात में यह पांडुलिपिया नष्ट हो सकती हैं। इसलिए सरकार को इस बारे में ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने सरकार को पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए उठाए जानेवाले कदमों की जानकारी देने को कहा।
Created On :   23 Jun 2022 9:46 PM IST