हाऊबाग स्टेशन: लौटेगा पुराना गौरव, हटकर दिखेगा कोचिंग कॉम्प्लैक्स

Howbag station: Old pride will return, coaching complex will be seen
हाऊबाग स्टेशन: लौटेगा पुराना गौरव, हटकर दिखेगा कोचिंग कॉम्प्लैक्स
हाऊबाग स्टेशन: लौटेगा पुराना गौरव, हटकर दिखेगा कोचिंग कॉम्प्लैक्स

मदन महल टर्मिनल की टर्मिनेट ट्रेनों के लिए करीब 10 एकड़ में विकसित होगा कोचिग यार्ड, होने लगीं तैयारियाँ
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
करीब 140 साल पुराने रेलवे के नैरोगेज लाइन के स्वर्णिम इतिहास को समेटे हाऊबाग रेलवे स्टेशन एक बार फिर अपने पुराने गौरव को हासिल करने जा रहा है। रेल मंत्रालय ने हाऊबाग रेलवे स्टेशन की भूमि पर कोचिंग कॉम्प्लैक्स बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है, जिसके आधार पर इस बार के केन्द्रीय बजट में करीब 10 एकड़ में बनने वाले कोचिंग कॉम्प्लैक्स के लिए 15 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसी राशि से आने वाले वर्षों में वीरान हाऊबाग रेलवे स्टेशन परिसर में एक बार फिर रौनक लौटेगी।  सभी को इसका फायदा भी मिलेगा।
होगा ट्रेनों का रख-रखाव -  बताया जा रहा है कि रेलवे के प्लान में  मदन महल स्टेशन को 120 करोड़ रुपए की लागत से टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा है, कोचिंग कॉम्प्लैक्स इसी योजना का हिस्सा है। आने वाले दो वर्षों में जब मदन महल स्टेशन टर्मिनल बन जाएगा, तब मदन महल रेलवे स्टेशन पर टर्मिनेट होने वाली ट्रेनों को खड़ा रखने और उनके रख-रखाव व मरम्मत आदि के लिए हाऊबाग के कोचिंग कॉम्प्लैक्स भेजा जाएगा। 
छोटी लाइन के सुनहरे दौर की यादें...- हाऊबाग रेलवे स्टेशन रेलवे के प्रारंभिक काल के संघर्ष और सफलता का सुनहरा इतिहास अपने आगोश में समेटे हुए खामोश खड़ा है। आज भले ही यहाँ सन्नाटा और खामोशी चौबीसों घंटे पसरी हुई नजर आती है लेकिन अभी कुछ साल पहले की बात है, जब वर्ष 2015 के पहले तक यहाँ सुबह और शाम कई छोटी लाइन की गाडिय़ों की छुक-छुक की आवाजें फिजाओं में मीठा सा अहसास घोल देती थीं, सँकरी पटरी पर चलने वाली छोटी लाइन की ट्रेन के हिचकोले घर के झूले का अहसास कराती थी, छोटे-छोटे स्टेशनों पर बिकने वाली खाद्य सामग्री की खुशबू जी-ललचा देती थी, पेड़-पहाड़ और झरनों के करीब से होकर गुजरने वाली छोटी लाइन की सतपुड़ा एक्सप्रेस हरियाली से जीवन में बहार ले आती थी, लेकिन 1 अक्टूबर 2015 को  नैरोगेज लाइन बंद होने के बाद हाऊबाग की रौनक छिन गई और रेलवे के स्वर्णिम इतिहास की आभा पर समय की गर्त पड़ गई। 
इन प्रस्तावों की भी खूब रही चर्चा..
इससे पहले यहाँ पश्चिम मध्य रेलवे का महाप्रबंधक कार्यालय बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन प्रस्ताव फाइलों में गुम हो गया। 
उसके बाद  से हाऊबाग की भूमि पर टाटा मैमोरियल द्वारा कैंसर हॉस्पिटल बनाने को लेकर भी चर्चाएँ चल रही हैं।
नैरोगेज लाइन के इतिहास को जीवित रखने के लिए यहाँ रेल म्यूजियम बनाने की भी योजना है, लेकिन अभी कुछ तय नहीं है।
 

Created On :   11 Feb 2021 10:10 AM GMT

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