खतरे की घंटी बना एचआरएमएस, 56 हजार रेल कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड पर संकट गहराया

HRMS became alarm bell, crisis deepened on service record of 56 thousand railway employees
खतरे की घंटी बना एचआरएमएस, 56 हजार रेल कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड पर संकट गहराया
खतरे की घंटी बना एचआरएमएस, 56 हजार रेल कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड पर संकट गहराया

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डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
पश्चिम मध्य रेलवे के कर्मचारियों के लिए ह्यूमन रिसोर्सेज मैनेजमेंट सिस्टम यानी एचआरएमएस के कारण पमरे के तीनों मंडलों जबलपुर, भोपाल और कोटा के करीब 56 हजार रेल कर्मियों के सर्विस रिकॉर्ड पर संकट गहरा गया है। इनमें जबलपुर रेल मंडल के करीब 19 हजार कर्मचारी शामिल हैं। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार रेल कर्मियों के सर्विस रिकॉर्ड-प्रोफाइल को ऑनलाइन करने के लिए रेलवे ने एचआरएमएस को पिछले साल  लागू करने का निर्णय लिया था, जिसका काम एक प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर को दिया गया। जिसे हर एक रेल कर्मी की सर्विस हिस्ट्री का ऑनलाइन डाटा पंच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसकी गलतियों की सजा रेलकर्मी भोग रहे हैं। 
यात्रा पास की माँग निकलने पर हुआ खुलासा 
 रेलवे के सूत्रों का कहना है कि यह खुलासा पिछले दिनों तब हुआ जब कुछ रेल कर्मियों ने यात्रा पास के लिए आवेदन किया तो उन्हें ओटीपी के लिए रिजर्वेशन काउंटर पर भेज दिया गया। जब विभागीय स्तर पर रेलकर्मी की डिटेल निकाली गई तो वे आधी-अधूरी थीं, ऐसे में मोबाइल पर ओटीपी जेनरेट ही नहीं हो पाया और रेल कर्मी ड्यूटी छोड़कर घंटों तक रिजर्वेशन काउंटर पर खड़े रहने मजबूर हो गए। जब इसकी शिकायत पर्सनल विभाग में की तब जाकर यह खुलासा हुआ कि एचआरएमएस में हजारों रेल कर्मियों के सर्विस रिकॉर्ड गलत फीड हो गए हैं। 
नाम बदल दिया, डेट ऑफ बर्थ गलत फीड कर दिया 
 सूत्रों का कहना है कि एचआरएमएस के तहत प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर ने टाइम के टारगेट को हासिल करने के लिए जल्दबाजी में डाटा फीडिंग की, जिसकी वजह से हजारों की संख्या में रेल कर्मियों के नाम गलत फीड हो गए हैं, कुछ के नाम के स्पेलिंग गलत हैं तो किसी की डेट ऑफ बर्थ गलत फीड कर दी गई है। अधिकांश रेल कर्मियों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, ऐसे में वे पेपर पास की जगह ई-पास की सुविधा का लाभ भी नहीं उठा पा रहे हैं। 
इनका कहना है
एचआरएमएस लागू करने से पहले सर्विस रिकॉर्ड में डाटा फीडिंग की गलतियों को दूर करना चाहिए ताकि रेलकर्मी परेशान न हों। फिलहाल रेल प्रशासन को कम से कम एक वर्ष तक दोनों व्यवस्थाओं मैनुअल और एचआरएमएस को जारी रखना चाहिए। 
- डीपी अग्रवाल, मंडल सचिव डब्ल्यूसीआरएमएस
 

Created On :   19 Feb 2021 9:38 AM GMT

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