- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- सैनिटाइजर में अत्यधिक अल्होकल से...
सैनिटाइजर में अत्यधिक अल्होकल से अस्पतालों में लग रही आग, नागपुर के फायर ऑडिट से खुलासा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अस्पतालो में छिड़काव किए जाने वाले सैनिटाइजर में अल्कोहल का अत्यधिक इस्तेमाल अस्पताल में आग की बड़ी वजह है। नागपुर में कोरोना का इलाज करनेवाले35 अस्पतालों व केंद्रो का फायर ऑडिट कर चुके फोरेंसिक जांच विशेषज्ञ नीलेश उकुन्दे ने इसको लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उकुन्दे ने कहा कि यदि उनके द्वारा दिए गए व्यवहारिक सुझावों को अमल में लाया जाए तो अस्पताल में आग की घटनाओं से बचा जा सकता है। उकुन्दे ने कहा है कि नागपुर के विभागीय आयुक्त ने उन्हें नागपुर विभाग में स्थित अस्पतालों के फायर ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया था। इसके बाद उनके द्वारा आग रोकने को लेकर दिए गए सुझावों को स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) में शामिल किया गया था। याचिका में दावा किया गया है सैनिटाइजर में जरूरत से ज्यादा अल्कोहल का छिड़काव करने से उसकी परत छत पर जम जाती है। आईसीयू वार्ड में तो हवा के आर पार होने की भी व्यवस्था (क्रॉस वेंटिलेशन) नहीं होती है। क्योंकि वहां मोटे मोटे परदे लगे होते हैं। ऐसे में यदि मामूली सा भी शार्टसर्किट होता है तो छत पर जमी अल्कोहल के चलते चिंगारी भी बड़ी आग में परिवर्तित हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि नियमित अंतराल पर शकसन पम्प व वैक्यूमक्लिनिर से छत पर जमी सैनिटाइजर व अल्कोहल की परत को हटाने की व्यवस्थाकी जाए ताकि आग जैसे हादसे रोके जा सकें। इसके अलावा जहां आईसीयू वार्ड में क्रॉस
वेंटिलेशन नहीं है वहां से पर्दे हटाए जाए।
हाईकोर्ट ने पिछले दिनों कोरोना के उपचार में कुप्रबंधन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुंबई व उससे सटे इलाकों में स्थित अस्पतालों में आग लगने की घटना को लेकर चिंता जाहिर की थी और सरकार को सभी अस्पतालों के फायर ऑडिट करने का निर्देश दिया था। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि अस्पताल लाक्षागृह न बन जाए। श्री उकुन्दे इस याचिका में हस्तक्षेप करना चाहते हैं। उनकी याचिका पर 12 मई 2021 को सुनवाई हो सकती हैं।
Created On :   10 May 2021 7:22 PM IST