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कर्ज में डूब चुका हूँ, क्लेम नहीं मिला तो पत्नी की मृत्यु हो जाएगी
कर्मचारी समस्या निवारण शिविर में वनरक्षक ने लगाई गुहार, पीडि़तों ने गंभीर आरोप भी लगाए
डिजिटल डेस्क जबलपुर । साहब चक्कर काटते-काटते थक गया हूँ, लेकिन आज तक मेरी समस्या का समाधान नहीं हुआ। कर्ज में डूब चुका हूँ, अगर जल्द ही मुझे चिकित्सा मद का क्लेम नहीं मिला तो मेरी पत्नी की मृत्यु हो जाएगी। यह शिकायत सोमवार को डीएफओ कार्यालय में आयोजित कर्मचारी समस्या निवारण शिविर में वनरक्षक जगदीश यादव ने दर्ज कराई है। उसने अधिकारियों से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द उसे चिकित्सा क्लेम दिलाया जाए। जगदीश के मुताबिक उसकी पत्नी कैंसर से पीडि़त है, जिसके इलाज में पिछले दो साल के भीतर करीब 5 लाख रुपए खर्च हो चुका है, जो उसने अपने रिश्तेदारों और मित्रों से कर्ज इस उम्मीद से लिया था कि विभाग से पैसा मिलने पर वह उनका पैसा लौटा देगा। कई ऐसे वन कर्मी शिविर में पहुँचे जिनकी समस्याएँ गंभीर थीं। इनमें रामविनोद मांझी, विनोद कुमार धुर्वे, राजेश उपाध्याय व अन्य वनकर्मियों ने भी वेतन, संसाधन और अन्य तरह की शिकायतें शिविर में सौंपीं। सोमवार को भी शिविर का आयोजन किया गया था, लेकिन कोर्ट के विभागीय मामले को लेकर डीएफओ अंजना सुचिता तिर्की व्यस्त थीं, इसलिए कर्मचारियों की शिकायतों का निराकरण नहीं हो सका।
Created On :   20 July 2021 3:27 PM IST