एमडी रेडियोलॉजी की मान्यता नहीं तो छात्रों को क्यों दिया एडमिशन

If MD Radiology is not recognized, then why was admission given to students
एमडी रेडियोलॉजी की मान्यता नहीं तो छात्रों को क्यों दिया एडमिशन
एमडी रेडियोलॉजी की मान्यता नहीं तो छात्रों को क्यों दिया एडमिशन

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने राज्य शासन, डीएमई, गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल और नेशनल मेडिकल कमीशन को नोटिस जारी कर पूछा है कि गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में जब एमडी रेडियोलॉजी की मान्यता नहीं है तो उस कोर्स में छात्रों को प्रवेश क्यों दिया गया है। जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस वीरेंदर सिंह की डिवीजन बैंच ने अनावेदकों को 6 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।  डॉ. अभय विमल और डॉ. सौरभ तिवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उन्होंने नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद गांधी मेडिकल भोपाल में एमडी रेडियोलॉजी कोर्स में एडमिशन लिया था। एमसीआई ने गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में वर्ष 2013 में एमडी रेडियोलॉजी की सीट को पाँच साल के लिए मान्यता दी थी। वर्ष 2018 में एमडी रेडियोलॉजी की सीट की मान्यता समाप्त हो गई। इसके बाद भी डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन ने 17 जुलाई 2020 को गांधी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करा दिया। एडमिशन के बाद उन्हें जानकारी मिली कि एमडी रेडियोलॉजी के कोर्स की मान्यता समाप्त हो गई है। अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं का किसी दूसरे सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमडी रेडियोलॉजी के कोर्स में ट्रांसफर किया जाए। डिवीजन बैंच ने नोटिस जारी कर अनावेदकों से जवाब माँगा है।
 

Created On :   19 Jan 2021 3:22 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story