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मन एकाग्र, और शक्तिमय हो तो तन अपने आप ही निरोगी हो जाता है -बीके विमलादीदी

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। आज हर तरफ व्याप्त आपाधापी, अराजकता, तनाव और अनिश्चिंतता को समाप्त करने के लगभग सभी उपायों को विफल होते देख कर के सर्व विश्व समुदाय योग के माध्यम से इनका निदान खोज रहा है , किन्तु उसके समक्ष यह प्रश्न घूम रहा है कि योग वास्तव में है क्या - अनेको तरह के योग में से सर्वश्रेष्ठ क्या है , योग शरीर का विषय है या मन का , योग से क्या क्या प्राप्त किया जा सकता है और कितने समय में प्राप्त किया जा सकता है । यदि मन एकाग्र, शक्तिमय , कल्याणमय और पवित्र हो तो तन निरोगी अपने आप ही हो जाता है।
उक्त उदगार बी के विमला दीदी जी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के कटंगा कॉलोनी सेवा केंद्र के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सामूहिक राजयोग अभ्यास का आयोजन में व्यक्त किये। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सामूहिक राजयोग अभ्यास पर विस्तार से चर्चा करते हुए आपने आगे कहा कि वास्तव में सुख और शान्ति की तलाश में भटकती हुए मनुष्यों का परमात्मा से आध्यात्मिकता के द्वारा मिलन को ही योग कहा जा सकता है। इसी लिए ही योग के सारे आसनों के चक्र को समाप्त होने के बाद शवासन के माध्यम से आत्मा को परमात्मा से शक्ति ग्रहण करने का अवसर प्रदान किये जाता है।
मन श्रेष्ठ बनता है राजयोग से
बी के विमला दीदी जी ने आगे बताया कि यदि मन एकाग्र, शक्तिमय , कल्याणमय और पवित्र हो तो तन निरोगी अपने आप ही हो जाता है। राजयोग के नियमित अभ्यास से आत्मा में एकाग्रता और दृढ़ता आती है और अनेक प्रकार के विकल्प, विकार एवं भटकाव समाप्त हो जाते है । राजयोग मानव के शक्ति संपन्न होने की महसूसता का आधार है , जिसके माध्यम से आत्मा परमात्मा से मानसिक रूप से जुड़ कर के अनेकानेक शक्तियों से भरपूर हो जाती है।
राजयोग सम्पूर्ण स्वास्थय में सहायक
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जी एस टी के चीफ कमिश्नर भ्राता पी के अग्रवाल जी ने कहा कि शारीरिक रूप से सम्पूर्ण स्वस्थ रहने के लिए मानसिक रूप से मजबूती बहुत आवश्यक है और इस मानसिक मजबूती को आसानी से प्राप्त करने का एक सहज उपाय राजयोग का नियमित अभ्यास है । यदि नैतिक और मानसिक रूप से मनुष्य मजबूत है तो वह हर कार्य में सफलता प्राप्त कर सकता है। इस अवसर पर संस्था के नियमित राजयोग अभ्यास करने वाले भाई - बहनों से विश्व शान्ति के लिए योग का सामूहिक अभ्यास किया और प्रकृति को शांति के प्रकम्पन प्रदान किए।
Created On :   17 Jun 2019 5:06 PM IST