अगर किसी की मृत्यु तिथि मालूम न हो तो पितृ पक्ष की अमावस्या पर कर सकते हैं श्राद्ध

If someones death date is not known, you can perform Shraadh on the new moon of Pitru Paksha.
अगर किसी की मृत्यु तिथि मालूम न हो तो पितृ पक्ष की अमावस्या पर कर सकते हैं श्राद्ध
अगर किसी की मृत्यु तिथि मालूम न हो तो पितृ पक्ष की अमावस्या पर कर सकते हैं श्राद्ध

डिजिटल डेस्क जबलपुर । अभी पितृ पक्ष में पितरों के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण करने की परंपरा है। तर्पण करते समय हाथ में जल लेकर अँगूठे की ओर से पितरों को चढ़ाया जाता है। पं. रोहित दुबे ने बताया कि  जिन लोगों की मृत्यु तिथि मालूम न हो, उनका श्राद्ध कर्म पितृ पक्ष की अमावस्या पर कर सकते हैं। इस बार अमावस्या 17 सितंबर को है। पं. वासुदेव शास्त्री ने बताया कि श्राद्ध कर्म करते समय पिंडों पर अँगूठे की मदद से धीरे-धीरे जल चढ़ाया जाता है। अँगूठे से पितरों को जल देने से वे तृप्त होते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। हस्तरेखा ज्योतिष के मुताबिक हथेली में अँगूठे और तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) के मध्य भाग के कारक पितर देवता होते हैं। इसे पितृ तीर्थ कहा जाता है।
पितृ पक्ष में अधार्मिक कर्मों से बचें  
 पं. राजकुमार शर्मा शास्त्री ने बताया कि पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को अधार्मिक कर्मों से बचना चाहिए। पितृ पक्ष में किसी पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। अगर नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर पर सभी तीर्थों का और पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करना चाहिए। 
घर पर ही करें पुरखों का पूजन-अर्चन 
 आस्था ब्राह्मण महासभा की सोमवार को आयोजित बैठक में तय किया गया कि महामारी से बचाव को ध्यान में रखते हुए ब्राह्मण समाज और हिंदू धर्म के लोगों से आह्वान किया है कि पूज्य पितरों को श्राद्ध एवं जल तर्पण नदी व तालाब में न कर अपने घरों पर ही करें। बैठक में पं. ऋषि मिश्रा, वृंदावन चौबे, जीपी दुबे, अनारीलाल दुबे, एमएल परोहा, डॉ. राजेन्द्र पांडे, वीरेन्द्र दुबे आदि उपस्थित रहे।  

Created On :   8 Sept 2020 3:50 PM IST

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