गांव के लोगों की जिद: सड़क नहीं बनी तो चुनाव का करेंगे बहिष्कार 

If the road is not built, then boycott of elections
गांव के लोगों की जिद: सड़क नहीं बनी तो चुनाव का करेंगे बहिष्कार 
गांव के लोगों की जिद: सड़क नहीं बनी तो चुनाव का करेंगे बहिष्कार 

डिजिटल डेस्क, सिवनी। कुरई विकासखण्ड की पंचायत बकौड़ी के गांव बडग़ांव के लोग गांव में सड़क नहीं बनने से परेशान है। लगातार शिकायत करने के बाद भी अब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो लोगों ने फैसला किया यदि सड़क नहीं बनी तो वे चुनावों का बहिष्कार करेंगे। किसी भी चुनाव में वे हिस्सा नहीं लेंगे। इस संबंध में लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंप दिया है।

गांव के लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी  केवल आवश्वासन दे रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर समस्या की सुध नहीं ले रहे। अभी भी गांव को मुख्य सड़कों से नहीं जोड़ा गया। सड़क और अन्य सुविधाओं के लिए जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी अनदेखी कर आश्वासनों का झुनझुना थमाया जा रहा है। 

रोड कनेक्टिविटी योजना गड़बड़ाई

  सिवनी मुख्यालय से लगभग 10 से 15 किमी दर पर बसे गांव बडग़ांव जो कि कुरई विकासखण्ड की गांव पंचायत बकौड़ी में आता है। जहां जनतानगर से गांव सुकवाह तक डामर रोड बनकर तैयार है लेकिन दो ढाई किमी की शेष सड़क लिए लोग कई वर्षो से इंतजार कर रहे हैं। अधिकततर योजनाएं आधी अधूरी पड़ी हैं, जिन पर काम नहीं हो रहा है। सड़क निर्माण की योजनाओं पर कार्य नहीं होने से अनेक गांव मुख्य सड़क के सम्पर्क से वंचित है। 

महज दो किमी की सड़क

गांव सुकवाह से गांव बडग़ांव तक महज दो ढाई किमी की सड़क है। इसमें गांव सुकवाह तक डामर रोड पक्की सड़क का निर्माण हो चुका है। इस वर्ष लोगों ने बरसात में कीचड़ और गड्ढे भरा रास्ता पार करने में बिता दिया है। इस ऊबड़ खाबड़ कच्चे मार्ग में चलने से स्कूली छात्र-छात्राएं बच्चों, वाहन चालकों, किसान परेशान है। मुख्य सड़क गांव बडग़ांव से दो किमी की दूरी में तीनों दिशाओं में है।आज भी सभी लोग खेतों के बीच से होकर जाते हैं। ऐसे में कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

बारिश में कीचड़, गर्मी में धूल के गुब्बार

बारिश के समय में लोगों को कीचड़ से परेशान होना पड़ा अब धूल के गुबार उडऩे से परेशानी झेलनी पड़ रही है। सड़क निर्माण नहीं होने से ऐसे हालात कई वर्षो से बने हुए है। लोगों का कहना है कि बारिश में तो यहां पर चलना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए दूसरे मार्ग से होकर अपने गंतत्वय तक पहुंचना पड़ता है। वहीं रात में तो वन्यजीवों के हमले की आशंका बनी रहती है
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Created On :   5 Oct 2017 5:36 PM IST

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