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इफको टोकियो बीमा कंपनी का कमाल, पीडि़तों का आरोप: हमारे साथ जालसाजी कर रही कंपनी
एक जैसी रिपोर्ट पर दो को क्लेम, शेष को दिखा दिया बाहर का रास्ता
डिजिटल डेस्क जबलपुर । बैंक से लोन के माध्यम से अगर आपने बीमा पॉलिसी ली है, तो क्लेम सेटल होना तय माना जाता है। चूँकि बैंक अधिकारियों को मालूम होता है कि बीमा क्लेम सेटल नहीं हुआ तो ग्राहक किश्त रोक देगा। किश्त न रुके इसके लिए बैंक अधिकारी खुद बीमा कंपनी से संपर्क कर ग्राहक का बीमा क्लेम सेटल कराते हैं। ऐसे ही दो केस में इफको टोकियो ने बीमा क्लेम का भुगतान कर दिया। जिन ग्राहकों का बीमा क्लेम दिया गया, ठीक उसी तरह के अन्य क्लेम भी शामिल थे पर बीमा कंपनी ने तरह-तरह की खामियाँ निकालकर क्लेम देने से इनकार कर दिया। वहीं बीमित लगातार सारे दस्तावेज लेकर दोबारा बीमा कंपनी के ऑफिस जा रहे हैं पर उन्हें किसी तरह की राहत देने कंपनी तैयार नही हैं। पीडि़तों का आरोप है कि कोरोना कवच, कोरोना रक्षक की पॉलिसी में जो दावे बीमा कंपनी ने किए थे, उन दावों से पूरी तरह बीमा कंपनी मुकर गई। वे लगातार शिकायत कर रहे हैं पर जिम्मेदार कार्रवाई करने में पीछे हट रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
केस.1 -दो-दो बार माँगे दस्तावेज पर बीमा कंपनी ने नहीं किया भुगतान
विजय नगर निवासी नरेश चेतवानी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने कोरोना कवच पॉलिसी इफको टोकियो से ले रखी है। पॉलिसी लेते वक्त यह वादा किया गया था कि आप कोरोना संक्रमण के शिकार होंगे तो बीमा कंपनी पूरा भुगतान करेगी। 29 अक्टूबर 2020 को मैं कोरोना संक्रमण से ग्रसित हो गया था। चिकित्सकों की सलाह पर मैं कोठारी अस्पताल में भर्ती हो गया। वहाँ पर बीमा पॉलिसी दिखाकर कैशलेस करने के लिए कहा पर बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से मना कर दिया। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद घर पर आराम करता रहा और उसके बाद बीमा कंपनी में ऑनलाइन व ऑफलाइन सारे दस्तावेज सबमिट किया। दस्तावेज सबमिट करने के बाद अनेक प्रकार से क्वेरी आई और वह भी अस्पताल से लाकर जमा कर दी गई। मैं लगातार बीमा कंपनी के संपर्क में रहा पर अचानक बीमा क्लेम देने से मना कर दिया गया, जबकि सेम केस में अन्य लोगों को बीमा कंपनी ने पूरा भुगतान किया था। जब हमारे द्वारा बीमा कंपनी में तर्क रखा गया तो किसी तरह जवाब नहीं दिया गया। पीडि़त का कहना है कि अगर बीमा कंपनी धोखा कर रही है तो हम कोर्ट में केस लगाएँगे।
केस.2 - आरटीपीसीआर रिपोर्ट देने के बाद
भी कंपनी ने नहीं किया सेटलमेंट
इफको टोकियो से कोरोना कवच पॉलिसी लेने के बाद यह उम्मीद थी कि कोरोना संक्रमण में बीमा कंपनी साथ देगी, लेकिन बीमा कंपनी की जब जरूरत पड़ी तो उसने हाथ खड़े कर लिए। यह आरोप विजय नगर निवासी सौरभ यादव ने लगाए हैं। सौरभ ने बताया कि 7 नवंबर 2020 को वे कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए थे। अनेकों अस्पताल गए पर बीमा पॉलिसी देखकर भर्ती करने से इनकार कर दिया गया। विक्टोरिया में उन्होंने अपना पूरा इलाज कराया और बाहर से सारी जाँचें कराने के बाद दवाइयाँ भी लीं। अस्पताल से छुट्टी होने के कुछ दिनों बाद उन्होंने बीमा पॉलिसी के आधार पर क्लेम किया, तो बीमा कंपनी ने कहा कि आरटीपीसीआर रिपोर्ट देने पर ही हम क्लेम सेटल करेंगे। वे मोबाइल पर आए मैसेज को मानने तैयार नहीं थे। उन्होंने किसी तरह विक्टोरिया से सारी रिपोट््र्स बनवाईं और उसके बाद बीमा कंपनी में जाकर जमा की। उसके बाद बीमा कंपनी ने यह कह दिया कि रिपोर्ट बनावटी लग रही है। रिपोर्ट के प्रमाण देने के बाद भी बीमा कंपनी ने क्लेम रिजेक्ट कर दिया। पीडि़त का कहना है कि हमारे जैसे अनेक लोगों को बीमा कंपनी ने पॉलिसी बेची पर लाभ देने से इनकार कर रही है।
इनका कहना है
बीमित के सारे डॉक्यूमेंट नहीं मिले हैं और अगर उन्होंने अस्पताल की रिपोर्ट व बिल पूरे जमा किए हैं तो परीक्षण कराने के बाद हम उनका पूरा भुगतान करेंगे।
पुष्पा हरिहरन, वाइस प्रेसिडेंट क्लेम इफको टोकियो
Created On :   1 Jun 2021 4:54 PM IST