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जल शक्ति मंत्रायल ने ट्वीट की दैनिक भास्कर की खबर, लिखा - पानी बचाने की बड़ी पहल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। जल शक्ति मंत्रालय ने दैनिक भास्कर की मंडे पॉजिटिव स्टोरी को ट्वीट किया है। जिसमें लिखा है कि मुंबई की एक हाउसिंग सोसाइटी ने व्यक्तिगत पानी की मीटरिंग शुरू करने की एक बड़ी पहल की, जो पानी की खपत का 50% बचाती है, पानी के संरक्षण के लिए जल शक्ति अभियान का समर्थन करने वाली है और उनके पानी के बिल को 50% बचाती है।
खबर कांदिवली के चारकोप इलाके की है, जहां अमीशा हाऊसिंग सोसाइटी बिजली और पानी की खपत कम करने के अपने तरीके के चलते एक मिसाल बन गई। हर फ्लैट में पानी का मीटर लगाकर सोसाइटी ने पिछले चार सालों में 50 फीसदी पानी की बचत तो की ही है, सालाना दो लाख रुपए से ज्यादा का पानी का बिल भी कम किया है। ऐसा प्रयोग करने वाली यह मुंबई की पहली हाउसिंग सोसाइटी है। इसके सफलता के बाद दूसरी सोसाइटियों के लोग यह तरीका सीखने के लिए पदाधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। यही नहीं मुंबई महानगर पालिका के अधिकारी भी अब इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
अमीशा सोसाइटी के सचिव मनुभाई पटेल ने बताया कि सोसाइटी में पानी को लेकर हो रही कलह से परेशान होकर उन्होंने साल 2017 में डेनमार्क से मीटर मंगाए, जो सभी 84 घरों में लगाए गए। ये मीटर एक और मीटर से जुड़े हुए हैं, जिसे देखकर पता लगाया जा सकता है कि किस घर में कितना पानी जा रहा है। इस मीटर को लगाने में कुल 13 लाख का खर्च हुआ, लेकिन अब धीरे-धीरे इसका खर्च का काफी हिस्सा निकल आया है।
पटेल ने बताया कि पहले दोपहर में जब पानी बंद होता था, तो घरों में पानी इकठ्ठा करके रख लेते थे, लेकिन शाम को ताजा पानी आता था तो उसे गिरा देते थे। इससे पानी का नुकसान होता था। हर घर में मीटर लगने के बाद लोग भी पानी के बचत को लेकर जागरूक हो गए, जिसका फायदा पूरी सोसाइटी को मिला। पटेल ने बताया कि पहले महानगर पालिका के मीटर के आधार पर जो बिल आता था, वह सबको बराबर भरना पड़ता था, चाहे पानी का इस्तेमाल कम हो या ज्यादा। लेकिन अब ऐसा नहीं होता। अब जिस घर में जितना पानी इस्तेमाल हुआ वह उतना बिल देता है। इसके चलते लोग सावधानी से पानी का इस्तेमाल करने लगे और परेशानी दूर होने के साथ बचत भी होने लगी। पटेल ने बताया कि घरों में मीटर लगाने से पहले पानी का सालाना बिल 3 लाख 68 हजार रुपए था। वित्तवर्ष 2017-18 में यह कम होकर 2 लाख 7 हजार हो गया। 2018-19 में लोग और जागरूक हुए और साल का पानी का बिल सिर्फ 1 लाख 44 हजार रुपए आया जबकि 2019-20 में कुल पानी का बिल डेढ़ लाख रुपए का रहा। सोसाइटी की पानी की खपत करीब आधी रह गई है। पटेल ने बताया कि अब बड़ी संख्या में लोग उनसे संपर्क कर अपनी सोसाइटियों में इसे लागू करने को लेकर सलाह मशविरा कर रहे हैं।
दूसरी जगहों पर भी होगा लागू
पर्यावरण के लिए काम करने वाले सुभजीत मुखर्जी ने कहा कि सोसाइटी की पहल बेहद नायाब है और इसे दूसरी सोसाइटियों में भी लागू करने की कोशिश शुरू की गई है।
सेंसर से जोड़े बल्ब
सिर्फ पानी ही नहीं सोसाइटी ने बिजली बचाने के लिए भी नायाब पहल की है। सोसायटी में सार्वजनिक जगहों पर लगे बल्ब सेंसर से जोड़ दिए गए हैं और जैसे ही कोई बाहर निकलता है और वहां दाखिल होता है बल्ब अपने आप जल जाते हैं और कुछ समय हलचल न होने पर बल्ब बुझ जाते हैं। इस तरकीब से भी सोसाइटी बिजली बिल में हजारों रुपए बचा रही है।
Great initiative by a Housing Society of Mumbai taking up individual water metering which saves 50% of water consumption and 50% of their water bill supporting Jal Shakti Abhiyan to conserve water. pic.twitter.com/PsjtiLF2V9
— Ministry of Jal Shakti
Created On :   28 Sept 2021 10:00 PM IST