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ग्रामीण बैंक में 92 लाख का ऋण घोटाला, बैंक अधिकारी की मिली भगत
डिजिटल डेस्क, कटनी। सेंट्रल मप्र क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की देवरीटोला शाखा में 92 लाख का ऋण घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में बैंक प्रबंधन सहित अंत्यावसायी विभाग के अफसरों की मिली भगत बताई जा रही है। इसका खुलासा उस समय हुआ जब 14 हितग्राही बैंक का नोटिस मिलने के बाद कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे। जिनके खाते में अंत्यावसायी विभाग ने 28 लाख रुपए की मार्जिन मनी भी जमा करा दी थी, लेकिन स्वरोजगार के लिए एक रुपए नहीं मिला था। हितग्राहियों की जांच कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को सौंपी है। वहीं बैंक प्रबंधन ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू करा दी है।
आडिट टीम ने पकड़ी गड़बड़ी
बताया गया है कि सेंट्रल मप्र क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भोपाल की आडिट टीम ने महीनों पहले सेंट्रल मप्र क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की देवरीटोला शाखा में यह घोटाला पकड़ा था। जिसमें जबलपुर के रीजनल मैनेजर ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक को निलंबित कर वर्तमान प्रबंधक की भी जांच शुरू कर दी है। इसी बीच ऋण से वंचित हितग्राही कलेक्टर के पास पहुंच गए और घोटाला सार्वजनिक हो गया। इस संबंध में सेंट्रल मप्र क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के रीजनल मैनेजर पी.एस.रावत से सम्पर्क करने का प्रयास किया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका है।
अधिकारी ने बंद किया फोन
अंत्यावसायी विभाग की स्वरोजगार योजना में फर्जीवाड़ा सामने आते ही कार्यक्रम अधिकारी पुष्पेन्द्र कुमार वर्मा ने अपना मोबाइल बंद कर लिया। बताया गया है कि अंत्यावसायी विभाग की स्वरोजगार योजनाओं में पिछले सालों वितरित किए गए ऋण प्रकरणों की जांच से बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। हालांकि जिला प्रशासन ने अंत्यावसायी विभाग की भूमिका को भी संदिग्ध माना है और यही कारण है कि इसकी जांच अपर कलेक्टर को सौंपी है।
इनका कहना है
सेंट्रल मप्र क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की देवरीटोला शाखा में स्वरोजगार योजना के कर्ज वितरण में गड़बड़ी सामने आई है। हितग्राहियों की शिकायत पर एडीएम को जांच सौंपी गई है। सेंट्रल मप्र क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भोपाल की आडिट टीम ने भी गड़बड़ी की आशंका जताई है और पूर्व में पदस्थ शाखा प्रबंधक को बैंक के रीजनल मैनेजर ने निलंबित कर दिया है।
- केवीएस चौधरी, कलेक्टर
Created On :   16 Jan 2019 9:32 PM IST