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नगर निगम के अधिकांश दफ्तरों में ताले, फ्रंट लाइन वर्कर बनकर सबसे पहले वैक्सीन लगवा ली और अब घर में बैठे
प्रथम और द्वितीय श्रेणी के सभी अधिकारियों का आना जरूरी फिर भी गायब, 10 फीसदी उपस्थिति के आदेश लेकिन कोई आ ही नहीं रहा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमण रोकने सरकार ने कफ्र्यू लागू किया तो ये आदेश भी जारी किए कि नगरीय निकायों में 10 फीसदी कर्मियों के साथ कार्यालय चालू रखे जाएँ और प्रथम और द्वितीय श्रेणी के सभी अधिकारियों का उपस्थित होना आवश्यक होगा। इन नियमों का पालन नगर निगम में हो ही नहीं रहा है। जब अधिकारी गायब हैं तो कर्मचारी भी विभागों में ताले डालकर घरों में सो रहे हैं। सवाल उठता है कि पहले फ्रंट लाइन वर्कर बनकर नि:शुल्क कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले अब बैक लाइन में कैसे चले गए, और चले गए तो क्या इन्हें बिना काम का वेतन भी मिलेगा। नगर निगम आवश्यक सेवाओं वाला संस्थान है और यहाँ इन दिनों अधिकांश दफ्तरों में ताले लटके नजर आ रहे हैं। जिन अधिकारियों को आवश्यक रूप से उपस्थित होने के आदेश खुद राज्य सरकार ने दिए हैं वे भी नदारद हैं। कोरोना कफ्र्यू का लाभ लेते हुए बहुत से अधिकारी और कर्मचारी अड़ोस-पड़ोस के अपने गृह जिलों की ओर निकल गए हैं जबकि बिना मुख्यालय को सूचित किए हुए निगम का कोई भी अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ सकता है।
लग्जरी वाहनों का किराया देगा निगम
कोरोना कफ्र्यू अप्रैल के दूसरे सप्ताह से लागू है और निगम के बड़े अधिकारी भी तभी से घरों में बैठे हैं, अब सवाल उठता है कि उन्हें उपलब्ध कराए गए लग्जरी वाहनों का किराया निगम क्यों दे। जब अधिकारी कार्यालय नहीं आए तो वाहनों को भी हटा दिया जाना था, लेकिन ऐसा होगा नहीं बल्कि लाखों रुपए वाहनों के नाम पर निकाले जाएँगे जबकि नागरिकों के लिए मच्छरों से बचाने वाले सरकारी वाहनों में इसलिए डीजल और पेट्रोल नहीं भराया जा रहा है कि उसके लिए रुपए नहीं हैं। इसी प्रकार दर्जनों सुरक्षा कर्मियों का वेतन भी निगम को देना होगा, जबकि वे भी इन दिनों घरों में ही हैं।
दूसरे विभागों का ही कार्य कराएँ - जानकारों का कहना है कि भले ही निगम के कुछ विभागों में इन दिनों काम नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसे विभाग भी हैं जिनके पास कार्य की अधिकता है फिर चाहे वह फायर ब्रिगेड हो, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व और जल विभाग ही क्यों न हो। इसलिए जिन विभागों में कार्य नहीं है तो उनके अधिकारियों को दूसरे विभागों का कार्य सौंपा जाए ताकि वहाँ का काम बेहतर तरीके से हो। लापता हो चुके फ्रंट लाइन वाले इससे सामने तो आ ही जाएँगे।
Created On :   29 April 2021 4:27 PM IST