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संदिग्ध परिस्थितियों में अजाक्स संयोजक की मौत, सरकारी आवास में मिला अर्द्धनग्न शव

डिजिटल डेस्क, सतना। आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक की अपने सरकारी आवास में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव कमरे के विस्तर पर अर्द्धनग्न हालत में पाया गया है। जहां पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है, वहीं परिजन ने हत्या का संदेह व्यक्त करते हुए जिला अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया और रीवा ले गए।
इस सम्बंध में पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अजाक विभाग के जिला संयोजक अभिषेक सिंह पुत्र बीपी सिंह 37 वर्ष निवासी तिलखन थाना बैकुण्ठपुर हाल घोघर जिला रीवा यहां सिविल लाइन थाना क्षेत्र के वन विभाग कार्यालय के पास आवंटित सरकारी आवास क्रमांक आर-265 में रहते थे। मंगलवार सुबह पत्नी अनामिका सिंह ने तकरीबन साढ़े 8 बजे कई बार फोन किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। जिस पर उन्होंने विभागीय कर्मचारी से सम्पर्क कर उसे घर भेजा, जिसने सरकारी क्वाटर पर जाकर काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, पर जवाब नहीं मिला तब पीछे की तरफ से गया तो दरवाजा खुला मिला। लिहाजा सीधे अंदर पहुंच गया, जहां बेडरूम में अभिषेक पीठ के बल मृत हालत में पड़े थे। यह देखकर कर्मचारी ने अनामिका सिंह को खबर दी, जिन्होंने रीवा में रहने वाले देवर अम्बिकेश सिंह 29 वर्ष को सूचित किया तो वह आनन-फानन सतना के लिए रवाना हुए। इधर डायल 100 पर जानकारी देकर पुलिस को बुला लिया गया।
हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी पुलिस
डायल 100 में मौजूद पुलिस कर्मियों ने स्थिति देखकर टीआई पुरुषोत्तम पांडेय को यथास्थिति से अवगत कराया तो वह घटना स्थल पर पहुंच गए। पुलिस टीम ने चप्पे-चप्पे का बारीकी से मुआयना किया। जिसमें यह पता चला कि अभिषेक सिंह अपने बिस्तर पर पीठ के बल पड़े थे। बिस्तर पर शव के पास ही इंसुलिन का खाली इंजेक्शन, इस्तेमाल की गई सिरिंज व डायबिटीज की टैबलेट थीं, जिसमें से 5 गोलियां कम थीं। चादर पर खून की कुछ धब्बे भी थे। इसके अलावा घर का पूरा व्यवस्थित था। बाथरूम में बाल्टी के अंदर गीली तौलिया भी पड़ी थी, जिससे यह अंदाजा लगाया गया कि मृतक ने सुबह स्नान किया होगा, लेकिन अकड़ चुके शरीर को देखकर फॉरेन्सिक टीम भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह पाई, क्योंकि मौत के 6 से 7 घंटे बाद ही लाश में अकड़न शुरू होती है। पूरे घर में संघर्ष के कोई निशान भी नहीं थे सिवाय पिछला दरवाजा खुला होने के। यहां तक की बिस्तर की चादर में सिलवट तक नहीं थी। ऐसा लग रहा था जैसे नींद में ही अभिषेक की मौत हो गई।
घर का पूरा सामान सुरक्षित था, पर्स, मोबाइल, कपड़े जस के तस थे। अलवत्ता हैरानी की बात यह थी कि मृतक ने अंडरवियर उल्टी पहन रखी थी। यदि परिजन के दावों को सच माना जाए तो अज्ञात हत्यारे ने मौत की नींद सुलाने के बाद पूरे घर को व्यवस्थित किया, लेकिन जल्दबाजी में अंडरवियर उल्टी पहना गया। एक चर्चा यह भी है कि संयोजक के घर में दो नौकरानियां काम करने आती थीं, जो हमेशा की तरह मंगलवार सुबह लगभग साढ़े 7 बजे भी आईं पर दरवाजा नहीं खुला। उन दोनों ने अंदर से आ रही कुछ आवाजें सुनने का दावा भी किया है। हालांकि टीआई पुरुषोत्तम पांडेय ने जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कही है।
Created On :   16 Aug 2018 5:44 PM IST