ISIS का फंड मैनेजर चोरी के तार के साथ गिरफ्तार, जमानत पर आया था

In Satna, ISIS fund manager got arrested with the stolen wire
ISIS का फंड मैनेजर चोरी के तार के साथ गिरफ्तार, जमानत पर आया था
ISIS का फंड मैनेजर चोरी के तार के साथ गिरफ्तार, जमानत पर आया था

डिजिटल डेस्क, सतना। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISIS का फंड मैनेजर होने के आरोप में फरवरी 2017 में जिस बलराम सिंह को एमपी एटीएस यहां से गिरफ्तार कर भोपाल ले गई थी, उसी बलराम को गुरुवार को कोलगवां पुलिस ने चोरी की 3 बंडल  एल्यूमीनियम तार के साथ गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया है। कोटर थाना इलाके के सोहास निवासी 28 वर्षीय बलराम पिता शिवकुमार के साथ इसी गांव के दीपनारायण पांडेय पिता अयोध्या प्रसाद (23) को एक सूचना पर पुलिस ने दोपहर सवा 12 बजे बायपास रोड डिलौरा से उस वक्त पकड़ा जब दोनों तार बेचने की कोशिश में थे।

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें चोरी की तार बेचना के लिए घटेह गांव के दादू सिंह ने दी थी। इश्तागाशा नंबर 41(1-4)/ 379 के तहत आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों सेंट्रल जेल भेज दिए गए। 

8 माह पहले जमानत पर आया था बाहर
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी बलराम सिंह तकरीबन 8 माह पहले केंद्रीय कारागार भोपाल से जमानत पर बाहर आया था। उसे वर्ष 2017 की 8 फरवरी को एमपी एसटीएफ की एक टीम ने कोलगवां थाना क्षेत्र की संग्राम कालोनी से उसकी गिरफ्तारी की थी। आरोपी के विरुद्ध भारतीय बेतार यांत्रिकी अधिनियम 1985 की धारा 122,123 एवं 3,6 और भारतीय तार अधिनियम 1985 की धारा 4, 20, 25 के तहत अपराध दर्ज है।

आरोप है कि बलराम ने चाइनीज बॉक्स की मदद से अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित एक ऐसा समनांतर टेलीफोन एक्सचेंज बना रखा था, जो इंटरनेट कॉल को सेल्युलर कॉल में बदल कर कॉलर की पहचान छिपा लेता था। यानि इसी अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के माध्यम से विदेशी कॉल लोकल कॉल में बदल जाते थे। इस माध्यम का इस्तेमाल पाकिस्तानी हैंडलर्स के इशारे पर ऑनलाइन ठगी, एटीएम और लॉटरी ड्रॉ जैसे फ्रॉड में भी किया जाता था। 

जम्मू कश्मीर के 2 आतंकियों ने खोली थी पोल 
उल्लेखनीय है सतना से बलराम की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर में दनादन दबिश देकर 13 ऐसे ही पाकिस्तानी जासूस पकड़ते हुए लगभग डेढ़ दर्जन फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के नेटवर्क को भी ध्वस्त कर दिया था। तब एटीएस के प्रमुख संजीव शमी ने एक प्रेस कांफ्रेस में माना था कि जम्मू कश्मीर में पकड़े गए दो पाकिस्तानी आतंकी सतविंदर और दादू की निशानदेही पर एटीएस सतना में बलराम तक पहुंची थी।

इन दोनों आतंकियों ने तब इस तथ्य की भी स्वीकारोक्ति की थी कि हवाला के माध्यम से बलराम के बैंक खातों तक आई रकम उन तक पहुंचाई गई थी। एटीएस ने तब इस तथ्य की भी पुष्टि की थी कि पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी ISIS तक प्रदेश के सामरिक महत्व के ठिकानों और सेना से जुड़ी खुफियां जानकारी जुटाने में लगे जासूसों तक धन पहुंचाने के लिए बलराम सिंह द्वारा जुगाड़े गए बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता था। पूरे प्रदेश में धन के आवागमन का जिम्मा इसी शख्स के पास था। बलराम बैंक खातों और डेबिट कार्ड का प्रबंध लोगों को अतिरिक्त धन देने लालच देकर किया करता था।
 

Created On :   11 Jan 2019 8:04 AM GMT

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