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हाईकोर्ट का निर्देश: अध्यापक संवर्ग में संविलियन के आवेदन का 6 सप्ताह में करो निराकरण

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ को निर्देशित किया है कि संविदा शिक्षक वर्ग-3 को अध्यापक संवर्ग में संविलियन करने के आवेदन का 6 सप्ताह में निराकरण किया जाए। इस निर्देश के साथ जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने याचिका का निराकरण कर दिया है। उल्लेखनीय है कि परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद भी उसे अध्यापक संवर्ग में शामिल नहीं किया गया। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी को अभ्यावेदन दिया, लेकिन उसके अभ्यावेदन का निराकरण नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता ने यह कहा था याचिका में-
टीकमगढ़ निवासी वीना गुप्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि 8 जुलाई 2013 को उसकी नियुक्ति जनौली संकुल केन्द्र ओरछा टीकमगढ़ में संविदा शिक्षक वर्ग-3 के पद पर हुई थी। संकुल प्राचार्य और बाबू की मिलीभगत से उसे 26 जुलाई 2014 को समय के पूर्व ही अनुस्थित कर दिया गया। इसके लिए विभाग द्वारा उसका एक दिन का वेतन काट लिया गया। इसी मामले में 3 अक्टूबर 2015 को उसकी परिवीक्षा अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी गई। परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद भी उसे अध्यापक संवर्ग में शामिल नहीं किया गया। इस संबंध में डीईओ भी आवेदन दिया गया, लेकिन उनके द्वारा निराकरण नहीं किया गया।
एक गलती के लिए दो सजाएं नहीं दी जा सकती-
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एसडी गुप्ता, जीएल सक्सेना और आशा नामदेव ने तर्क दिया कि एक गलती के लिए किसी भी कर्मचारी को दो सजाएं नहीं दी जा सकती है। याचिकाकर्ता का पहले एक दिन का वेतन काटा गया और इसके बाद उसकी परिवीक्षा अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी गई।
जिला शिक्षा अधिकारी ने नहीं किया निराकरण-
परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद भी उसे अध्यापक संवर्ग में शामिल नहीं किया गया। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी को अभ्यावेदन दिया, लेकिन उसके अभ्यावेदन का निराकरण नहीं किया गया। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने याचिकाकर्ता के अध्यापक संवर्ग में संविलियन के आवेदन का 6 सप्ताह में निराकरण करने का निर्देश दिया है।
Created On :   24 April 2019 7:04 PM IST