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तीन मामलो में 14 फीसदी से अधिक ओबीसी आरक्षण पर रोक यथावत
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश में पीजी नीट, शिक्षक भर्ती और पीएससी से होने वाली मेडिकल आफिसर्स की भर्ती में 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण करने पर रोक बरकरार रखी है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को नियत की है।
यह याचिकाए जबलपुर निवासी असिता दुबे, राजस्थान के कांतिलाल जोशी सहित अन्य 29 की ओर से की गई है। अधिवक्ता आदित्य संघी, कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी वाले फैसले में स्पष्ट किया है कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता । सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर 2020 को महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिए गए 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण को निरस्त कर दिया है। इसके बावजूद ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिए जाने से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत को पार कर गई है। वहीं ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन की अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने भी याचिका दायर कर 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का समर्थन किया गया।।ओबीसी वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से तर्क दिया गया कि पूर्व आदेश के चलते सरकार ओबीसी वर्ग को निर्धारित 14 फीसदी का लाभ नही दे रही है। यूथ फार इक्वालिटी की ओर से अधिवक्ता सुयश ठाकुर ने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने 2 सितंबर को आदेश जारी कर कहा है कि तीन मामलो को छोड़कर अन्य विभागो में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए। यह हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। राज्य सरकार की ओर से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता और महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव ने भी 27 आरक्षण का समर्थन किया है। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को नियत की गई है।
Created On :   30 Sept 2021 3:24 PM IST