तीन मामलों में 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार

In three cases, the ban on reservation of more than 14 percent OBC remains intact.
तीन मामलों में 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार
हाईकोर्ट ने विशेष बैंच गठित करने से किया इनकार तीन मामलों में 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती, मेडिकल नीट प्रवेश परीक्षा और पीएससी से होने वाली मेडिकल ऑफिसर्स की भर्ती में 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण पर रोक को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस आरवी मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने ओबीसी महासभा की ओर से विशेष बैंच गठित करने के लिए दायर आवेदन को खारिज कर दिया है। डिवीजन बैंच ने सरकार की ओर से स्थगन हटाने के लिए दायर आवेदन को लंबित रखा है। मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को नियत की गई है। राइट टाउन जबलपुर निवासी असिता दुबे और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में प्रदेश में 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता आदित्य संघी, अंशुमन सिंह, ब्रहमेन्द्र पाठक और सुयश ठाकुर ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में स्पष्ट कर दिया है कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, महाधिवक्ता प्रशांत सिंह, विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह, विनायक प्रसाद शाह और उप महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नाड का कहना है कि मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी लगभग 51 प्रतिशत है, इसलिए ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया है।  वहीं ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह, अभिषेक मनु सिंघवी, वरुण चोपड़ा और उदय कुमार ने पक्ष प्रस्तुत किया।

Created On :   26 Oct 2021 10:12 AM GMT

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