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दो डॉक्टर्स, डायग्नोस्टिक सेंटर, दवा फैक्ट्री समेत चार जगहों पर इनकम टैक्स की रेड

करोड़ों की टैक्स चोरी होने की आशंका, मरीजों का डाटा रजिस्टर व दस्तावेजों की जाँच के बाद होगी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर । इनकम टैक्स विभाग ने शहर के दो बड़े डॉक्टर्स, डायग्नोस्टिक सेंटर, दवा फैक्ट्री समेत चार जगहों पर मंगलवार की देर रात रेड मारी। दल-बल के साथ पहुँची जबलपुर-2 की अलग-अलग टीमों ने रात करीब 8 बजे एक साथ जाँच शुरू की जो बुधवार की देर रात तक चली। आईटी विभाग का कहना है कि फिलहाल यह सर्वे की कार्रवाई है, जिसमें सभी जगहों से दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनके वेरीफिकेशन के बाद टैक्स चोरी का अधिकृत आँकड़ा सामने आएगा और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। वहीं सूत्रों का कहना है कि पिछले 24 घंटे की जाँच में जो दस्तावेज मिले हैं, उनमें भारी अनियमितताएँ मिलीं हैं, जिसमें करोड़ों के टैक्स चोरी होने की आशंका है।
सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग ने इंवेस्टीगेशन विंग द्वारा जुटाई गई जानकारी के आधार पर मंगलवार की रात भँवरताल के समीप न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. तरुण नागपाल, स्किन व एलर्जी स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव सक्सेना की क्लीनिक, मॉडल रोड स्थित चरक डायग्नोस्टिक सेंटर और डॉ. राजीव सक्सेना की चरगवाँ रोड स्थित रेवा क्योर नाम की दवा फैक्ट्री में छापेमारी अंदाज में पहुँचकर जाँच शुरू की। जाँच दल ने चारों जगहों पर अकाउंट की फाइलों के साथ प्रतिदिन आने वाले मरीजों का डाटा रजिस्टर, भुगतान व लेन-देन से जुड़े सभी दस्तावेज और दवा फैक्ट्री के स्टॉक से जुड़ी फाइलें अपने कब्जे में लेकर उन्हें खँगालना शुरू कर दिया। मंगलवार की रात से बुधवार की देर रात तक चारों जगहों पर जाँच करने के बाद सभी टीमें आईटी मुख्यालय लौटीं।
घाटा दर्शाकर कम इनकम शो करने पर हुई कार्रवाई
आईटी सूत्रों के अनुसार इंवेस्टीगेशन टीम को सूचना मिली थी कि डॉ. नागपाल और डॉ. सक्सेना आय अधिक होने के बावजूद अपनी इनकम कम शो कर रहे हैं, डॉ. सक्सेना के दवा फैक्ट्री के पार्टनरों ने भी लंबा घाटा दर्शाकर कम इनकम शो की थी। इसी तरह चरक डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक द्वारा भी घाटा दर्शाकर कम इनकम शो की गई थी, लेकिन जब बैंक रिकॉर्ड और आय के स्त्रोत की जानकारी आईटी विभाग ने जुटाई तो भारी अनियमितताएँ मिलीं। लिहाजा पुख्ता सबूतों के साथ चारों जगहों पर रेड मारी गई। सूत्रों के अनुसार शुरूआती जाँच में ही करोड़ों की टैक्स चोरी का अनुमान लगाया जा रहा है। हालाँकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेजों की पड़ताल लंबी प्रक्रिया है, लिहाजा जाँच पूरी होने के बाद ही अधिकृत टैक्स चोरी और अन्य तरह की गड़बडिय़ों का पुष्ट आकलन हो पाएगा।
Created On :   27 Feb 2020 1:35 PM IST