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मासूम को साँसों के लिए चाहिए 16 करोड़ का इंजेक्शन - स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से जूझ रहा 9 माह का आयुष, चल रहा उपचार
डिजिटल डेस्क जबलपुर । 9 महीने का बच्चा एक ऐसी दुर्लभ बीमारी से पीडि़त है, जिसके इलाज का खर्च सुन हर कोई हैरान हो रहा है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बच्चा वार्ड के एनआईसीयू केयर में भर्ती 9 माह के आयुष अर्खेल का इलाज चल रहा है। वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा आयुष एसएमए टाइप 1 (एसएमए टाइप 1) यानी स्पाइनल एट्रोफी नामक एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है।
इस बीमारी से ठीक होने के लिए बच्चे को एक ऐसे इंजेक्शन की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बीमारी के इलाज में जरूरी जोल्गेन्स्मा इंजेक्शन अमेरिका से इंपोर्ट किया जाता है। आयुष के माता-पिता इतने सक्षम नहीं कि वे इतने महँगे इंजेक्शन को खरीद सकें। इसके लिए उन्होंने मदद की गुहार लगाई है। आयुष के माता-पिता का कहना है कि यदि सेवाभावी लोग आगे आएं तो उनके लाड़ले की साँसें बच सकती हैं।
पिता निजी स्कूल में हैं शिक्षक
झण्डा चौक, प्रेमसागर चौकी निवासी बच्चे के पिता अमर कुमार अर्खेल अपने 9 महीने के बेटे आयुष अर्खेल के लिए सबसे मदद की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे एक निजी स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं, जिससे उनका मात्र परिवार का पोषण हो पाता है, अब अगर वे अपनौ सब कुछ भी बेच देंगे तब भी वह इतने पैसे नहीं जुटा पाएँगे। लोगों की मदद से ही लाड़ले का इलाज संभव है।
ऐसी होती है बीमारी
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 एक दुर्लभ बीमारी है। जो बच्चे स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 से पीडि़त होते हैं, उनकी मांसपेशियाँ कमजोर होती हैं, शरीर में पानी की कमी होने लगती है और स्तनपान करने में और साँस लेने में दिक्कत होती है। इस बीमारी से बच्चा पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाता है।
ऐसे कर सकते हैं मदद - बच्चे की मदद के लिए खाताधारक आयुष अर्खेल के खाता क्रमांक 700701717191386 पर राशि दी जा सकती है। मोबाइल नम्बरों 7803872217, 9109611628, 7389495765 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
Created On :   22 May 2021 2:45 PM IST