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जून से टीके की पर्याप्त आपूर्ति के बाद वैक्सीनेशन को मिलेगी गति- मुख्यमंत्री
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जून महीने से टीके की पर्याप्त आपूर्ति के बाद प्रदेश में टीकाकरण अभियान को गति मिलने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार से टीका उत्पादक कंपनियों से बातचीत चल रही है। हमें आशा है कि जून महीने से कंपनियों की टीका उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। इससे जून महीने के बाद टीके की आपूर्ति सुचारू रूप से शुरू हो सकेगी। इसके बाद राज्य के सभी नागरिकों के टीकाकरण गति से शुरू हो सकेगा। रविवार को छोटे बच्चों में कोरोना के प्रसार को रोकने गठित राज्य के बालरोग विशेषज्ञों के टास्क फोर्स ने बालरोग विशेषज्ञों को मार्गदर्शन किया। इस ऑनलाइन चिकित्सा परिषद के दूसरे चरण में राज्य भर के 6 हजार 300 बालरोग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में टीके की पर्याप्त आपूर्ति के बाद 24 घंटे टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इसके जरिए राज्य के प्रत्येक नागरिकों का टीकाकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से टीके की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस कारण राज्य में 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण को कुछ दिनों के लिए स्थगित किया गया है। राज्य सरकार 18 से 44 साल आयु के 6 करोड़ लोगों के लिए 12 करोड़ टीका एकमुश्त राशि देकर खरीदने के लिए तैयार है। लेकिन टीका उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों संक्रमित होने का खतरा है। लेकिन अभिभावकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों का पारिवारिक डॉक्टर पर विश्वास होता है लेकिन छोटे बच्चों के उपचार के लिए तो अभिभावकों का पारिवारिक डॉक्टर पर एक तरीके से अंधविश्वास होता है। अभिभावक बच्चों के लिए पारिवारिक डॉक्टर की हर सलाह मनाने के लिए तैयार हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के बाद 18 साल से कम आयु वर्ग वाले बच्चों को भी टीकाकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी अभियान का दायरा बढ़ता जा रहा है। कोरोना की पहली लहर में बुजुर्गों और दूसरी लहर में युवकों को खतरा था। अब तीसरी लहर बच्चों के संक्रमित होने का चिंता है।
कोरोना का खतरा टला नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के मरीजों की संख्या कम हो रही है लेकिन कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी की जा रही है। कोरोना की तीसरी लहर में ऑक्सीजन और अन्य उपचार सामग्री की कमी होने दी जाएगी। राज्य को अगले कुछ दिनों में ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने में थोड़ा समय लगेगा।
बच्चों में कोरोना प्रसार की संभावना अधिक
राज्य के बालरोग विशेषज्ञों के टॉस्क फोर्स के सदस्य डॉ. विजय येवले ने कहा कि आने वाले दिनों में बच्चों में कोरोना संक्रमण के प्रसार की संभावना अधिक है। क्योंकि 18 से अधिक आयु वाले पहले ही कोरोना के चपेट में आ चुके होंगे और काफी लोगों का टीकाकरण हो चुका होगा। इसलिए कोरोना के बच्चों पर प्रहार करने की ज्यादा संभावना है। लेकिन इससे अभिभावकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। यवले ने कहा कि 90 से 95 प्रतिशत बच्चों को कोरोना का सौम्य लक्षण होगा। जबकि 2 से 5 प्रतिशत बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है। इस दृष्टि से राज्य सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। येवले ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में बुखार के लक्षण नजर आने की संभावना है। इसलिए बच्चों को बुखार आने पर उन्हें तत्काल अस्पताल में ले जाना चाहिए। यवले ने कहा कि राज्य में सभी लोगों ने मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी के अभियान को ध्यान में रखा है लेकिन अब सभी को लोगों को मेरे बच्चे, मेरी जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए।
सभी बच्चों का सीटी स्कैन न किया जाए
बालरोग विशेषज्ञों के टॉस्क फोर्स के सदस्यों ने कोरोना संक्रमित सभी बच्चों का सीटी स्कैन न करने की सलाह दी। बैठक में बच्चों में कोरोना के सौम्य, मध्यम और तीव्र स्वरूप के संक्रमण की पहचान करने, बच्चों को होम क्वोरेंटाइन में रहने पर उपचार पद्धति, कोरोना संक्रमित बच्चों को स्तनपान और उन्हें संभालने, कोरोना संक्रमित बच्चों को घर के वरिष्ठ नागरिकों से दूर रखने आदि के बारे में मार्गदर्शन किया। कोरोना संक्रमित बच्चों में फेफेड़ों का संक्रमण मधुमेह टाइप-एक के उपचार के लिए छह मिनट का वॉक टेस्ट करने के बारे में दिशानिर्देश दिए गए।
डॉ.सुहास प्रभु की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स
राज्य सरकार के बालरोग विशेषज्ञों के टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ.सुहास प्रभु हैं। टॉस्क फोर्स के सदस्य डॉ. विजय येवले, डॉ. परमानंद आंदणकर समेत अन्य डॉक्टर हैं।
प्रकृति संरक्षण के साथ विकास की सलाह देने बने संस्था- उद्धव
इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि प्रकृति की संरक्षण करते हुए विकास काम कर सकने के बारे में तकनीकी सलाह देने के लिए राज्य में संस्था स्थापित की जाए। शनिवार को मुख्यमंत्री ने विश्व जैव विविधता दिवस के मौके पर वन विभाग की ओर से आयोजित वेबिनार को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास काम प्रकृति की संरक्षण करते हुए कैसे किया जा सकता है इस बारे में तकनीकी और वैज्ञानिक सलाह देने के लिए संस्था बनाई जाए। इस संस्था की सलाह का पालन करना अनिवार्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग विकास के नाम पर पर्यावरण का नुकसान करते चले जा रहे हैं। इसलिए जब जंगल को क्षति पहुंचाकर विकास करने का प्रस्ताव आता है, तो हम लोगों का विरोध रहता है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम लोगों का विकास को लेकर विरोध है। हम प्रकृति के अनुकूल विकास की अवधारणा से सहमत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैव विविधता के बारे में लोगों में जनजागृति करने की आवश्यकता है। युवाओं को प्रकृति और जैव विविधता को लेकर काफी रुचि है। इसलिए ऐसे इस क्षेत्र में अध्ययन और शोध करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति अब भी अपनी ओर मातृत्व की भावना से दिखती है, लेकिन लक्ष्मण रेखा पार करने पर क्या होता है। यह कोरोना महामारी ने दिखा दिया है।
Created On :   23 May 2021 2:48 PM IST