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रेल दुर्घटना में बेटे को गवाने वाले पिता को आठ लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मध्य रेलवे को चलती लोकल ट्रेन से गिरने के चलते जान गवाने वाले एक युवक के पिता को 6 सप्ताह में 8 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है। इससे पहले रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल ने 27 वर्षीय युवक के पिता के मुआवजे की मांग को खारिज कर दिया था। इसलिए युवक के पिता सदाशिव कोटियन ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण के सामने अपील पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पाया कि कोटियन के बेटे ने 2 मई 2011 को लोकल ट्रेन से मानखुर्द से शिवड़ी के लिए निकले थे। लेकिन जैसे ही ट्रेन अगले स्टेशन गोवंडी के लिए निकली कोटियन के बेटे चलती ट्रेन से गिर गए। और उनका शरीर दो टुकड़ों में कट गया।
सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कहा कि कोटियन के बेटे जगदीश की मौत पटरी करते समय अपने आपराधिक कृत्य से हुई है। इसलिए वह मुआवजे के लिए पात्र नहीं है। इस मामले में ट्रिब्यूनल का आदेश सही है। इसलिए अपील को खारिज किया जाए। जबकि कोटियन के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की मौत रेलवे दुर्घटना से हुई है। यह अनहोनी दुर्घटना है। उनके मुवक्किल का बेटा वैध रेल यात्री था। उसके पास यात्रा का टिकट था जो पंचनामे के दौरान मिला है।
रेलवे ने कोई ऐसा प्रमाण नहीं पेश किया है। जो दर्शाए की जगदीश की मौत पटरी पार करते हुई है। इस बारे में कोई चश्मदीद गवाह नहीं पेश किया है। रेलवे अपने दावे को साबित करने में विफल रहा है। इसलिए मेरे मुवक्किल मुआवजे के लिए पात्र हैं। और ट्रिब्यूनल का आदेश खामी पूर्ण है।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने व तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने जगदीश के पिता को मुआवजे के लिए पात्र माना और इस विषय पर रेलवे ट्रिब्यूनल की ओर से जारी किए गए 31 जनवरी 2018 के आदेश को खारिज कर दिया।
Created On :   21 March 2021 3:31 PM IST