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अवमानना मामले से विधि विभाग के प्रमुख सचिव का नाम हटाने के निर्देश

राज्य सरकार ने कहा- प्रदेश में 7 जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष के पद रिक्त
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए दायर अवमानना याचिका से विधि विभाग के प्रमुख सचिव सत्येन्द्र कुमार का नाम हटाने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने मामले में उपभोक्ता मंत्रालय के वर्तमान प्रमुख सचिव का नाम जोडऩे का निर्देश दिया है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में 7 जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष के पद रिक्त हैं। जिला उपभोक्ता आयोगों में नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने के लिए 26 फरवरी तक का समय दे दिया है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया है कि प्रदेश की जिला उपभोक्ता आयोगों में बड़ी संख्या में अध्यक्ष और सदस्यों के पद रिक्त हैं। इस मामले में पूर्व में जनहित याचिका दायर की गई थी। 2 जुलाई 2018 को तत्कालीन महाधिवक्ता ने कोर्ट में अंडरटेकिंग दी थी कि जिला उपभोक्ता आयोगों में जल्द ही पद भर दिए जाएँगे। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि महाधिवक्ता की अंडरटेकिंग के बाद भी जिला उपभोक्ता आयोगों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नाड ने कहा कि उपभोक्ता अधिनियम में संशोधन होने के बाद जिला उपभोक्ता आयोगों में होने वाली नियुक्ति में विधि विभाग की कोई भूमिका नहीं है। इसलिए विधि विभाग के प्रमुख सचिव सत्येन्द्र कुमार का नाम अनावेदकों की सूची से हटाया जाए। डिवीजन बैंच ने विधि विभाग के प्रमुख सचिव सत्येन्द्र कुमार का नाम अनावेदकों की सूची से हटाने का निर्देश जारी किया है।
Created On :   11 Feb 2021 3:32 PM IST