पति की मौत के दस महीने बाद भी नहीं मिल पाया बीमा क्लेम - पीडि़ता का आरोप ; जो वादे किए गए थे उसे किया दरकिनार 

Insurance claim could not be received even after ten months of husbands death - promises bypassed
पति की मौत के दस महीने बाद भी नहीं मिल पाया बीमा क्लेम - पीडि़ता का आरोप ; जो वादे किए गए थे उसे किया दरकिनार 
पति की मौत के दस महीने बाद भी नहीं मिल पाया बीमा क्लेम - पीडि़ता का आरोप ; जो वादे किए गए थे उसे किया दरकिनार 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । पॉलिसी बेचते वक्त तो बीमा कंपनी कई तरह के वादे करती है और उन्हीं वादों में आकर आम लोग अनेक पॉलिसी खरीद लेते हैं। जब बीमा कंपनी की आवश्यकता आम लोगों को होती है तो हाथ खड़े कर लिए जाते हैं। बीमित को न तो कैशलेस का लाभ दिया जाता है और न ही बीमा का क्लेम देने कंपनी तैयार होती है। बीमा कंपनी सीधे तौर पर धोखा देती नजर आती है। यही कारण है कि पीडि़ता अपनी पीड़ा बताने जाए तो जाए कहाँ। पीडि़ता द्वारा जब अस्पताल के बिल, बीमा संबंधी दस्तावेज इंश्योरेंस कंपनी को सौंपे जाते हैं तो किसी न किसी तरह की खामी उसमें निकाल ली जाती है और उसके बाद क्वेरी भेजी जाती है। परिवार के सदस्य सारी जानकारियाँ जब शेयर कर देते हैं तो यह कहते हुए क्लेम निरस्त कर दिया जाता है कि यह नियम में नहीं आता है। नियम में आने के बाद ही हम क्लेम देंगे। पॉलिसी धारक को तरह-तरह से परेशान करने के बाद सीधे तौर पर वादे को नकारते हुए, सारे दस्तावेजों को फॉल्स बताकर पीडि़तों को ही चालबाज साबित करने में कंपनी लगी रहती है। 
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
हार्ट अटैक से मौत होने के बाद पत्नी को नहीं दिया जा रहा बीमा का लाभ
दीक्षितपुरा वृंदावन की गली निवासी अदिति ठाकुर ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पति अनुज सिंह ठाकुर को हार्ट अटैक आया था। अटैक आने के कारण उन्हें अस्पताल लेकर गए और चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया। 20 अगस्त 2020 को पति की मौत होने के बाद पता चला कि उनकी एलआईसी में पॉलिसी है। पति के द्वारा कराई गई पॉलिसी को एलआईसी कार्यालय में मृत्यु प्रमाण-पत्र के साथ लगाया गया था। नियमानुसार सारे दस्तावेज लगाए गए और उसके बाद बीमा कंपनी ने अनेक क्वेरी निकालीं, तो उन्हें भी फुलफिल पत्नी अदिति के द्वारा करा गए। उसके बाद अचानक एलआईसी ने उनके घर पर पत्र भेजा, जिसमें लिखा था कि पॉलिसी धारक ने चुकता मूल्य अर्जित नहीं किया है इसलिए हम बीमा क्लेम नहीं दे सकते, जबकि परिजनों का कहना है कि बीमा करते वक्त वादा किया गया था कि किसी पॉलिसी धारक की मौत होती है, तो उसके नॉमिनी को बीमा पॉलिसी की पूरी राशि दी जाएगी। कम उम्र में अपने पति को खो चुकी महिला दर-दर भटकने मजबूर है और अधिकारी न्याय नहीं दे रहे हैं। यह आरोप पीडि़ता ने बीमा कंपनी पर लगाए हैं। 
पति को डेंगू हुआ तो कैशलेस नहीं किया और ऊपर से कर दिया केस रिजेक्ट
स्नेह नगर निवासी श्रीमती ननकानी ने बताया कि पति महेश ननकानी  को 14 सितम्बर 2018 को डेंगू हो गया था। उन्हें अनंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में चार दिनों तक लगातार इलाज चला। इलाज के  दौरान अस्पताल में कैशलेस नहीं हुआ और हमें पूरा भुगतान अपने पास से करना पड़ा। पीडि़ता का कहना था कि उनके पूरे परिवार का बीमा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी से था। कैशलेस नहीं होने पर बीमा क्लेम के लिए सारे दस्तावेज बीमा कंपनी में लगाए गए थे। बीमा कंपनी ने क्लेम देने की बजाय अनेक प्रकार की जानकारी माँगी। पति ने अस्पताल के सारे दस्तावेज बीमा कंपनी को दिए पर ढाई साल बाद भी उनके पति के इलाज का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा नहीं किया गया। परेशान होकर उन्होंने एजेंट, बीमा कंपनी के अफसरों से मुलाकात की, लेकिन किसी तरह का लाभ आज तक नहीं मिला। एजेंट बोल रहा है कि जल्द क्लेम मिलेगा पर इस तरह के व्यवहार से पूरे परिवार की उम्मीदें टूट चुकी हैं और नेशनल इंश्योरेंस से मेडिक्लेम कराना ही बंद कर दिया। पीडि़ता का कहना है कि अगर बीमा क्लेम उन्हें नहीं मिला तो वे उपभोक्ता फोरम में केस लगाएँगी। 
नहीं किया फोन रिसीव
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के टीपीए मैनेजर प्रमोद शास्त्री तथा एलआईसी के ब्रांच मैनेजर पुनीत शुक्ला से कंपनी का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ही जिम्मेदार अधिकारियों ने किसी भी तरह का जवाब देने की बजाय फोन ही रिसीव नहीं किया। चूँकि इन अधिकारियों से पूर्व में भी अन्य पॉलिसी धारकों के संबंध में जानकारी चाही गई थी और निराकरण करने का वादा इन्होंने किया था, पर आज तक वे निराकरण करने में सफल नहीं हो सके हैं।
 

Created On :   7 Jun 2021 2:35 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story