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भीमा-कोरेगांव हिंसा : गौतम नवलखा की गिरफ्तारी को लेकर अंतरिम राहत देने से इंकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने फिलहाल भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की गिरफ्तारी को लेकर किसी प्रकार की अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने नवलखा के अग्रिम जमानत आवेदन पर शुक्रवार को सुनवाई रखी है। और इसी दिन नवलखा को अंतरिम राहत देने के विषय पर बहस होगी। इससे पहले गुरुवार को अतिरिक्त सरकारी वकील अरुणा पई ने न्यायमूर्ति पीडी नाईक के सामने कहा कि पुलिस आरोपी नवलखा को गिरफ्तारी को लेकर किसी भी तरह की रियायत देने के पक्ष में नहीं है। पुणे कोर्ट ने नवलखा के अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को 12 नवंबर तक के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी। जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी है। ऐसे में यदि नवलखा को राहत चाहिए तो वह सुप्रीम कोर्ट के पास आवेदन करे। फिलहाल हाईकोर्ट को आरोपी नवलखा को कोई राहत नहीं देनी चाहिए।
वहीं आरोपी के वकील युग चौधरी ने कहा कि भीमा कोरेगांव प्रकरण मामले में आरोपी प्रोफेसर अानंद तेलतुमडे को कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी हुई है। इस लिहाज से मेरे मुवक्किल को भी जमानत आवेदन पर सुनवाई पूरी होने तक अंतरिम राहत दी जाए। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि हम शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेगे। इसके बाद आदेश जारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि जमानत आवेदन में नवलखा ने पुणे अदालत के जमानत न देने के आदेश को खामी पूर्ण बताया है। और जमानत प्रदान करने का आग्रह किया है। नवलखा ने दावा किया है कि भीमा- कोरेगांव हिंसा मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है। पुलिस के पास मेरे खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। जबकि पुलिस ने नवलखा पर आपराधिक षडयंत्र व अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून की धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। पुणे कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि प्रथम दृष्टया आरोपी नवलखा के खिलाफ काफी सबूत है जो दर्शाते है की नवलखा न सिर्फ प्रतिबंधित संगठन के सदस्य थे बल्कि उसके सक्रिय नेता भी थे। इस लिहाज से उनसे हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है।
Created On :   14 Nov 2019 7:15 PM IST