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शादी के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले इंटरनेशनल गिरोह का भंडाफोड़

डिजिटल डेस्क जबलपुर। जीवन साथी डॉट कॉम की फर्जी आईडी बनाकर रिश्ते जोड़ने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का मास्टर माइंड कथित मोंटी सिंह हिंदी-अंग्रेजी के साथ जर्मन और फ्रेंच भाषाओं में लोगों से संपर्क करता था। मोंटी सिंह दोहरे स्तर पर अपना गिरोह संचालित करता था। पहले स्तर में वह खुद अपने तीन-चार साथियों के साथ ऑनलाइन संपर्क करने वालों से बातचीत करके उन्हें जाल में फांसता था। दूसरे स्तर में पकड़े गए बद्रीश मिश्रा, शिवम गुप्ता, हरेन्द्र सिंह और जॉन अंबरी और अन्य नाइजीरियन गुर्गे देश भर के पीड़ितोंसे रोज करोड़ों रुपए का कलेक्शन करते थे। सूत्रों के अनुसार हर दिन करोड़ों रुपए कलेक्ट करके विदेशी मुल्कों में ट्रांसफर किए जाते थे। अभी तक की जांच में दुबई और ऑस्ट्रेलिया के मेलर्बन शहर में पैसे भेजने की जानकारी एसटीएफ को पता चली है।
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार मोंटी सिंह कई नामों से जाना जाता है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ केन्द्रीय गृहमंत्रालय के जरिए इंटरपोल की मदद लेने की तैयारी कर रही है। इधर एसटीएफ ने पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही में कानपुर और नोएडा में मौजूद इस गिरेाह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना कर दीं हैं। उल्लेखनीय है कि जबलपुर महाराजपुर की रहने वाली एक महिला की शिकायत पर एसटीएफ ने इस फर्जीवाड़े की जांच शुरू की थी। जांच में कानपुर के हरेन्द्र सिंह, सद्धार्थ और शिवम गुप्ता को गिरफ्तार करके नाइजीरियन नागरिक जॉन अंबरी और बद्रीश मिश्रा को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपियों से पूछताछ के बाद इस गिरोह के मास्टर माइंड मोंटी सिंह का नाम सामने आया था।
कमीशन पर उपयोग करते थे बैंक अकाउंट
जांच में पता चला कि मोंटी सिंह और उसके गिरोह के सदस्य देश भर में ऑनलाइन संपर्क करने वालों से बिहार, यूपी, झारखंड, दिल्ली, नोएडा और पूर्वी भारत के लोगों के अकाउंट कमीशन देकर उपयोग करते थे। मोंटी के एजेंट बद्रीश मिश्रा, सिद्धार्थ, शिवम और हरेन्द्र नाइजीरियन जॉन अंबरी और उसके साथियों की बीमारी का हवाला देकर लोगों के खाते में पैसे बुलाते थे, 5 से 10 लाख रुपए खाते में आने के एवज में खातेदारों को 5 से 10 हजार रुपए बतौर कमीशन देकर बाकी की रकम ले ली जाती थी। इसके बाद विदेशों में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाता था। नाइजीरियन नागरिक इंडया के अलावा दूसरे मुल्कों में मेडिकल वीजा पर जाते हैं, जिसके कारण उनके खातों से होने वाली मनी ट्रांसफर पर किसी को शक नहीं होता।
इनका कहना है
फिलहाल जांच चल रही है, देश भर से करोड़ों का कलेक्शन विदेशी मुल्कों में ट्रांसफर किए जाने का अनुमान है। पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर दो टीमें कानुपर और नोएडा में रहने वाले अन्य आरोपियों की तलाश में भेजी गई हैं।
हरिओम दीक्षित, प्रभारी स्टेट साइबर सेल
Created On :   2 May 2018 1:51 PM IST