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बावनकुले बोले- ऊर्जा विभाग के निजीकरण के लिए जांच का हौव्वा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की सत्ताधारी महा विकास आघाड़ी सरकार और विपक्ष के बीच शुरु ‘गैंगवार’ रुकने का नाम नहीं ले रहा है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रविण दरेकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद अब भाजपा के विधान परिषद सदस्य व फडणवीस सरकार के दौरान राज्य के ऊर्जा मंत्री रहे चंद्रशेखर बावनकुले के खिलाफ जांच शुरु हुई है। हालांकि बावनकुले ने कहा है कि सरकार चाहे जैसी जांच करा ले, मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है। यदि सरकार को लगता है कि मेरे कार्यकाल में घोटाला हुआ तो जांच करा लें।
बावनकुले ने बुधवार को कहा कि ढाई सालों से आघाडी सरकार को जांच की जरुरत नहीं लगी। अब महा वितरण के तीन विभागीय निदेशकों से जांच करा रहे हैं, पर इससे क्या मिलने वाला है। पूर्व ऊर्जामंत्री ने कहा कि मुझे इसमे निजीकरण की गंध आ रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार जरुर जांच कराए। जिससे महाराष्ट्र की 12 करोड़ जनता को पता चल सके की उस दौरान किसानों को कितना फायदा हुआ था।
पूर्व ऊर्जा मंत्री बावनकुले के कार्यकाल की जांच के लिए ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाई गई है।2014 से 2019 के बीच चंद्रशेखर बावनकुले उर्जा मंत्री थे। इन पांच सालों के दौरान ऊर्जा विभाग में हुए इंफ्रास्टेक्चर संबधी कामों उनके टेंडर की जांच के आदेश ठाकरे सरकार ने दिए हैं। समिति महीने भर में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। सरकारी बिजली कंपनी महा वितरण के निदेशक (वित्त) की अध्यक्षता में गठित जांच समिति में बतौर सदस्य महावितरण के निदेशक (प्रसार) व कार्यकारी निदेशक (प्रसार) को शामिल किया गया है। इस संबंध में ऊर्जा विभाग की तरफ से शासनादेश जारी किया गया है।
कब रुकेगा यह ‘गैंगवार’
सत्तापक्ष व विपक्ष द्वारा एक दूसरे के खिलाफ जांच एजेंसियों के इस्तेमाल पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता व मंत्री ने कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सब रुकना चाहिए। एक दूसरे के खिलाफ जांच एजेंसियों का इस्तेमाल महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं रही है। बदले की भावना से कामकाज सही नहीं है।
Created On :   16 March 2022 8:59 PM IST