जुर्माने का हिसाब करना भूल गया आयकर विभाग,नोटबंदी के दौरान 2047 लोगों को भेजा था नोटिस  

IT department has no information about 2047 notices issued during demonetization
जुर्माने का हिसाब करना भूल गया आयकर विभाग,नोटबंदी के दौरान 2047 लोगों को भेजा था नोटिस  
जुर्माने का हिसाब करना भूल गया आयकर विभाग,नोटबंदी के दौरान 2047 लोगों को भेजा था नोटिस  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नोटबंदी के दौरान भारी राशि जमा करने वाले लाखों जमाकर्ताओं को आयकर विभाग की ओर से नोटिस तो जारी किए गए थे, लेकिन इन नोटिसों के बाद क्या कार्रवाई हुई, कितना जुर्माना वसूला गया या जुर्माने की कितनी राशि संग्रहित हुई इसके बारे में सरकार के पास जानकारी उपलब्ध नहीं है। केवल नागपुर में भारी मात्रा में पुराने नोट जमा करने के 2047 मामलों में आयकर ने नोटिस जारी किए थे। शहर के आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस थानों में दर्जनों आरोपियों पर इस संबंध में मामले भी दर्ज किए गए थे।

नोटिस भी जारी किए गए  
वित्त मंत्रालय के अनुसार, नोटबंदी के दौरान भारी राशि जमा करने वाले लाखों जमाकर्ताओं को नोटिस जारी किए गए थे। इनमें वर्ष 2017-18 के दौरान नोटबंदी से संबंधित 20,088 मामलों को जांच के लिए चुना गया था, जबकि 2018-19 के दौरान इस प्रकार के 1,34,574 मामलों का जांच के लिए चयन किया गया था। इनमें नागपुर से 2047, पुणे से 9,074 और मुंबई से 5,477 मामले शामिल हैं। 2017-18 में जांच के लिए चयनित कुल 20,088 मामलों में नागपुर के 300, पुणे के 1253 और मुंबई के 703 मामले शामिल हैं। 

राज्यसभा में उठी बात
इसके अतिरिक्त 2017-18 के दौरान उन जमाकर्ताओं के खिलाफ जिन्होंने नोटबंदी के दौरान भारी मात्रा में धनराशि जमा की थी, लेकिन आयकर विवरणी (रिटर्न) दायर नहीं की थी, ऐसे 299,937 मामलों में नोटिस जारी किए गए थे। इनमें नागपुर में 6077, पुणे में 21,258 और मुंबई में 9834 मामले शामिल हैं। बेनामी संपत्ति के तहत भेजे गए नोटिसों के ब्यौरों के बारे में वित्तमंत्री ने बताया कि बीते 31 दिसंबर 2018 तक बेनामी संपत्ति रखने वाले ऐसे 1800 से अधिक को आयकर विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इन मामलों में आगे की कार्रवाई के बारे में वित्त मंत्रालय इसकी केन्द्रीयकृत जानकारी नहीं रखता। राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान सांसद कपिल सिब्बल द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने यह जानकारी दी है।  

पुलिस ने धनकुबेरों से पकड़े थे करोड़ों के पुराने नोट
नोटबंदी के बाद सरकार ने पुराने नोटोें को बैंक में जमा करने के लिए समयसीमा दी थी। साथ ही एक व्यक्ति एक दिन में बैंक में 2 हजार तक ही पुराने नोट बदलकर नए नोट प्राप्त कर सकता था। नोटबंदी शहर के धनकुबेरों पर बड़ा प्रहार था और इससे बचने के लिए धनकुबेरों ने तरह-तरह के नुस्खे आजमाए थे। शहर पुलिस ने पुराने नोटों की अदला-बदली, पुराने नोट बड़े पैमाने पर छिपाकर रखने व बैंक से पुराने के बदले नए नोट दिलाने के नाम पर सक्रिय लोगों को पकड़कर करोड़ों रुपए के पुराने नोट बरामद किए थे।

तब यह हुआ था
नोटबंदी के बाद पुराने नोटों के संबंध में शहर के आधा दर्जन सेे ज्यादा थानों में मामले दर्ज किए गए थे। आयकर विभाग ने इन मामलों से संबंधित सभी लोगों व आरोपियों को नोटिस देकर जवाब मांगा था। 

एनडीसीसी बैंक ने करोड़ों के पुराने नोट जमा किए थे
नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी (एनडीसीसी) बैंक ने नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में करोड़ों के पुराने नोट जमा किए थे। इसके अलावा शहर के सहकारी बैंकों ने भी आरबीआई में करोड़ों के पुराने नोट जमा किए थे। आयकर विभाग ने सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी लेकर डाटा तैयार किया था।

एक खाते में ढाई लाख जमा करने की ही सीमा तय थी
सरकार ने एक खाते में ढाई लाख तक ही रकम जमा करने की सीमा तय की थी। इस दौरान कई बेनामी खाते भी खुल गए। जिनके खातों में हजारों ही रहते थे, उन खातों में भी अचानक लाखों की रकम जमा हो गई थी। आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद ढाई लाख से ज्यादा रकम जमा हुए उन सभी खाताधारकों को नोटिस देकर जवाब मांगा था।

प्रमुख मामले जो उस दौरान चर्चित रहे
-काेराड़ी रोड पर एक फ्लैट से एक करोड़ के पुराने नोट बरामद किए थे। 
-राहटे कालनी परिसर में लाखों रुपए के पुराने नोट के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। 
-अजनी में व्यापारी को 55 लाख के पुराने नोट के साथ पकड़ा गया था। 
-अंबाझरी में भाजपा नेता के पास से 1 करोड़ के पुराने नोट मिले थे। 
-वर्धा रोड पर चंद्रपुर के एक डॉक्टर को कार में करीब एक करोड़ के पुराने नोट ले जाते हुए साथियों के साथ पकड़ा गया था। 
-हुडकेश्वर में पुराने नोट बदलकर देने वाली गिरोह को लाखों रुपए के साथ पकड़ा था। 
-पांचपावली थानांतर्गत एक महिला पार्षद का देवर लोगों के 40 लाख के पुराने नोट लेकर भाग गया था। उसने खुद को आयकर अधिकारी बताया था।

Created On :   18 Feb 2019 7:33 AM GMT

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