राशन दुकान पर सेल्समेन का होना अनिवार्य, खाद्य विभाग के आदेश

It is mandatory to have a salesman at every ration shop
राशन दुकान पर सेल्समेन का होना अनिवार्य, खाद्य विभाग के आदेश
राशन दुकान पर सेल्समेन का होना अनिवार्य, खाद्य विभाग के आदेश

डिजिटल डेस्क जबलपुर। जिले में संचालित सभी राशन दुकानों में अब सेल्समेन को तैनात करना अनिवार्य होगा। यदि इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तो खाद्य विभाग द्वारा सहकारिता विभाग को दिया जाने वाला दुकान का किराया नहीं दिया जाएगा। ये बात खाद्य विभाग की प्रमुख सचिव नीलम शमी राव ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग वीसी के दौरान कही।
वीसी में विभाग के कमिश्नर विवेक पोरवाल एवं नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी विकास नरवाल भी मौजूद थे।
पता चला है कि बैठक में पीएस ने स्पष्ट कहा कि अक्सर यह देखने में आया है कि एक ही रजिस्टर्ड संस्था द्वारा एक से ज्यादा राशन दुकान संचालित की जाती हैं। इस स्थिति में सेल्समेन न होने का कारण बताकर दुकानें खोली ही नहीं जाती। जबकि, नियमानुसार सभी दुकानों को निर्धारित समय पर खोला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्थिति ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में है। पीएस ने सहकारिता विभाग को दिसम्बर तक की समय सीमा देते हुए कहा कि इस अवधि में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में की प्रत्येक दुकान में एक-एक सेल्समेन तैनात किया जाना सुनिश्चित किया जाए। ज्ञात हो कि शासन द्वारा सहकारिता को किराए के रुप में लगभग 8 हजार 4 सौ रुपए की राशि किराए के रुप में दी जाती है।
इस अवसर पर संभागायुक्त गुलशन बामरा, कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी, जिला आपूर्ति नियंत्रक सीएस जादौन आदि मौजूद रहे।
14 नई दुकानें खुलेंगी-
पता चला है कि जिले के ग्रमीण क्षेत्रों मे 14 नई उचित मूल्य दुकानें खोली जाएंगी। यह निर्णय पीएस द्वारा ली गई जिला स्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक में राशन दुकानों की स्थिति को लेकर चर्चा की गई, जिसमें यह बात सामने आई कि कई ग्रामीण इलाकों में राशन दुकान न होने के कारण ग्रामीणों को राशन लेने के लिए काफी दूर का सफर तय करना पड़ता है। इसी के चलते जिले की 14 ग्राम पंचायतों में दुकानें खोले जाने का फैसला लिया गया है। कलेक्टर ने दुकान संचालन के लिए ऑनलाईन आवेदन बुलवाने के निर्देश दिए हैं।
समय पर करवाएं रकबे का सत्यापन-
पीएस ने इस मौके पर धान खरीदी के लिए अभी पुख्ता तैयारी करने को भी कहा। उन्होंने संभाग के सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि वे खरीदी से पहले रकबे का सत्यापन स्वयं अपनी निगरानी में करवाएं। उन्होंने कहा कि रकबे की सटीक जानकारी होने से सही खरीदी की जा सकेगी, क्योंकि कई बार यह शिकायतें मिली हैं कि कुछ व्यापारी किसानों का रकबा बढ़वाकर उनके नाम से अपना माल समर्थन मूल्य पर बेच देते हैं। इससे शासन को राजस्व का नुकसान तो होता ही है, साथ-साथ छोटे िकसानों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। बताया जाता है कि इस वर्ष धान खरीदी 15 नवम्बर से 15 जनवरी 2018 तक की जाएगी। खरीदी के लिए जिले भर में लगभग 59 केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।

 

Created On :   26 Oct 2017 1:04 PM IST

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