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व्रत के लिए मंदिर से भोजन पार्सल ले जाने की इजाजत चाहता है जैन समाज, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि क्या जैन समुदाय के लोगों को नौ दिनों तक उनके मंदिर में पकाए जानेवाले विशेष भोजन का पार्सल घर ले जाने की अनुमति दी जा सकती है। अयंबिल ओली तप के दौरान जैन समुदाय के लोग व्रत रखते हैं। इस दौरान वे उबला हुआ बिना मसाले का भोजन करते हैं। इसलिए वे चाहते है कि मंदिर से उन्हें पार्सल के रुप में विशेष भोजन लेने की छूट दी जाए। इस विषय पर दो जैन ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। गुरुवार को अवकाशकालीन न्यायमूर्ति एससी गुप्ते व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई।
इस दौरान जैन ट्रस्ट की ओर सै पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रफुल्ल शाह ने कहा कि हम नहीं चाहते कि मंदिर को खोला जाए अथवा वहां पर बने हॉल में आकर लोगों को भोजन करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि हमें मंदिर से भोजन ले जाने की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ‘ब्रेक दी चैन’ परिकल्पना के तहत लोगों को रेस्टोरेंट व बार से पार्सल ले जाने की अनुमति दी है। हम भी ऐसी अनुमति सिर्फ नौ दिन के लिए (19 अप्रैल से 27 अप्रैल 2021) चाहते हैं। श्री शाह ने कहा कि मंदिर परिसर में बिल्कुल भी भीड़भाड नहीं होगी।
वहीं अतिरिक्त सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने कहा कि प्रशासन सिर्फ इतना चाहता है कि लोग भोजन के पार्सल के लिए झुंड न लगाएं। इस पर खंडपीठ ने सुझाव स्वरुप कहा कि पार्सल देने के लिए कार्यकर्ताओं को लगाया जा सकता है। जैन समुदाय में काफी अच्छे लोग हैं। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि इस मामले का समाधान क्या हो सकता है। इसलिए हम चाहते हैं सरकार याचिका में की गई मांग के बारे में विचार करे। क्योंकि याचिका की मांग तर्कसंगत नजर आ रही है। क्योंकि याचिकाकर्ता अपने धार्मिक स्थल को नहीं खोल रहे हैं। वे सिर्फ लोगों को पार्सल भोजन देना चाहते हैं। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई शुक्रवार यानी 16 अप्रैल को रखी है और सरकार को अपना जवाब देने को कहा है।
Created On :   15 April 2021 7:49 PM IST