जैन टॉवर के दुकानदारों ने नक्शे की फोटोकॉपी में किया फर्जीवाड़ा 

Jain Tower shopkeepers fake the photocopy of the map
 जैन टॉवर के दुकानदारों ने नक्शे की फोटोकॉपी में किया फर्जीवाड़ा 
 जैन टॉवर के दुकानदारों ने नक्शे की फोटोकॉपी में किया फर्जीवाड़ा 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । रसल चौक में स्थित जैन टॉवर के बेसमेंट में अवैध रूप से बनाई गईं दुकानों को हटाने के खिलाफ दुकानदारों की ओर से दायर 4 याचिकाएं हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दीं। सुनवाई के दौरान दुकानदारों का दावा था कि उनकी दुकानें नियमानुसार हैं जो नगर निगम द्वारा स्वीकृत नक्शे के आधार पर बेसमेंट में बनी हैं। जस्टिस संजय यादव और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने याचिका के साथ लगाए गए नक्शे की फोटो कॉपी को देखकर इस बात पर हैरानी जताई कि भूमि विकास नियम में बेसमेंट में दुकानों का निर्माण कब से स्वीकृत होने लगा। जब नगर निगम के ओरिजनल रिकार्ड में संलग्न स्वीकृत नक्शा युगलपीठ ने देखा तो उसमें सेकेण्ड ग्राउण्ड फ्लोर लिखा था। कोर्ट को गुमराह करने के इरादे से याचिकाकर्ताओं द्वारा नक्शे की फोटो कॉपी में की गई हेराफेरी पर युगलपीठ ने जब कड़ा रुख अपनाया तो दुकानदारों ने चारों मामले वापस लेने की अनुमति मांगी। इस पर युगलपीठ ने चारों याचिकाएं खारिज कर दीं।
हाईकोर्ट में ये चार मामले मामले महेश शर्मा, इफ्तिखार खान, मोहम्मद जाफर, अजय कुमार यादव, विंजल इंटरप्राईजेस, ठाकुर ट्रेवल्स, बालाजी सर्विस सेन्टर और राजेश कुमार जैन की ओर से दायर किए गए थे। इन मामलों में जैन टॉवर के बेसमेंट में बनीं दुकानों को तोडऩे नगर निगम द्वारा विगत 6 दिसंबर को जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता महेश शर्मा, इफ्तिखार खान और अजय कुमार यादव ने अपनी-अपनी याचिकाओं में नगर निगम द्वारा स्वीकृत नक्शे की फोटो कॉपी लगाकर दावा किया कि उनकी दुकानों का निर्माण विधि सम्मत है। याचिका में नगर निगम द्वारा जारी नोटिस को खारिज किए जाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई थी।
मामले पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता हिमान्शु मिश्रा और नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह हाजिर हुए। श्री सिंह ने युगलपीठ को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने स्वीकृत नक्शे में छेड़छाड़ की है। जब कोर्ट में मूल रिकार्ड पेश किया गया तो उसमें लगे स्वीकृत नक्शे में सेकेण्ड ग्राउण्ड फ्लोर  के निर्माण को अनुमति दी गई थी, जबकि याचिकाकर्ताओं की फोटोकॉपी में बेसमेंट शब्द लिखा था। याचिकाकर्ताओं के इस फर्जीवाड़े को युगलपीठ ने काफी गंभीरता से लिया। कोर्ट के रूख के बाद चारों याचिकाएं वापस लेने पर खारिज कर दीं गईं।
 

Created On :   18 Dec 2019 1:36 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story