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मुआवजा वितरण करने गये जयंत के सुरक्षा अधिकारी से मारपीट

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (मोरवा)। मेढौली वार्ड क्रमांक 10 में जयंत परियोजना से मुआवजे के चेक वितरित करने पहुंचे अधिकारियों के साथ विस्थापितों की कहासुनी हो गयी। इसी बीच विस्थापितों को शांत कराने के आगे बढ़े सिक्यूरिटी अफसर संदीप शाह का कॉलर पकड़ कर मारपीट करने की कोशिश की गई। दोपहर तकरीबन डेढ़ बजे मेढौली में मुआवजा वितरण के लिए लगाए गये कैम्प में जमकर बहसा बहसी के बाद चेक वितरण रोक दिया गया और सिक्योरिटी आफिसर जयंत संदीप शाह के द्वारा मेढौली के रामकेश वैश्य व राजेश्वर वैश्य के विरूद्ध मोरवा थाने में मामला पंजीकृत कराया है। मामले में फरियादी संदीप कुमार शाह पिता सीताराम शाह उम्र 42 वर्ष सुरक्षा अधिकारी जयंत ने पुलिस को बताया कि दोपहर में मेढौली में मंशाराम वैश्य के घर के पास मुआवजा वितरण किया जाना था। जिसके लिए वहां पर कैम्प लगाया गया था, उसी दौरान मेढौली निवासी रामकेश वैश्य ने अपने मुआवजे और नौकरी के लिए अधिकारी बीएल शुक्ला से पूछतांछ करने लगे। फरियादी का कहना है वादविवाद और गालीगलौज करने लगे। इस स्थिति से बचने के लिए उसने बीच बचाव करने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसे गालीगलौज देते हुए लात-घूसों से मारने लगे। जिससे फरियादी को चोटें आयी हैं। इस दौरान राजेश्वर वैश्य ने भी जोर से मारो मारो कहते हुए सुरक्षा कर्मी ऋषिकांत राम को भी मारने लगे और धमकी देने लगे। इस दौरान उपस्थित स्टाफ आफिसर कार्मिक जयंत सफदर खान और भागीरथ ने बीच बचाव कर छुड़ाया।
मामला दर्ज किया गया
सुरक्षा कर्मी की फरियाद पर दो आरोपियों के विरूद्ध आईपीसी की धारा 294, 323, 506, 34 के तहत मामला दर्ज मोरवा थाने में दर्ज कर लिया गया है। घटना के उपरांत दोनों आरोपियों ने भी थाने पहुंचकर प्रकरण में पैरवी शुरू कर दी थी। बताया जाता है कि दूसरे पक्ष ने चोट लगने और दूसरे पक्ष के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
जीएम के पहुंचने से पहले ही हो गया विवाद
जयंत परियोजना के अधिकारियों ने मेढौली पहुंचकर चेक वितरण के लिए लगभग 28-30 विस्थापितों को बुलाया था। जिसके लिए टेंट और माइक लगाकर चेक वितरण किया जाना था। कुछ देर में जयंत महाप्रबंधक आरबी प्रसाद भी पहुंचने वाले थे लेकिन उससे पहले ही विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाने के कारण चेक वितरण नहीं किया जा सका। मौजूद एसओपी जयंत ने बताया कि विस्थापितों को जयंत मुआवजा वितरण कार्यालय आने जाने में समस्या होती थी। कई बार शाम हो जाने से साधन भी नहीं मिलता था। कुछ संभ्रांत लोगों के आग्रह पर गांव में चेक वितरण किया जा रहा था। जिसमें आज विवाद की स्थिति निर्मित हो गयी है।
लेटलतीफी के कारण हुआ विवाद
स्थानीय लोगों का कहना है कि जयंत परियोजना प्रबंधन के द्वारा मनमानी ढंग से कार्य किया जा रहा है। विस्थापित अपने मामलों को जानकारी चाहते हैं जिसकी जानकारी उन्हें नहीं मिल रही है। एक तरफ मुआवजा लेते ही घरों को गिराए जाने की कार्रवाई की जा रही है तो दूसरी तरफ लोगों की नौकरी की फाइलें नहीं बढ़ पा रही हंै। जिसे लेकर विस्थापित कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं और उनमें रोष बढ़ता जा रहा है। गुरूवार की दोपहर हुई घटना के बाद से मेढौली के विस्थापितों में भारी नाराजगी है।
Created On :   6 Nov 2020 6:59 PM IST