पाकिस्तानी से रिहा होकर वापस लौटा सिवनी निवासी जितेन्द्र, बाघा बार्डर पर हुआ स्वागत

Jitendra resident of Sivni returned from Pakistan jail, welcomed
पाकिस्तानी से रिहा होकर वापस लौटा सिवनी निवासी जितेन्द्र, बाघा बार्डर पर हुआ स्वागत
पाकिस्तानी से रिहा होकर वापस लौटा सिवनी निवासी जितेन्द्र, बाघा बार्डर पर हुआ स्वागत

डिजिटल डेस्क सिवनी । पिछले 5 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद सिवनी निवासी जितेन्द्र अंतत: जेल की सलाखों से रिहा होकर आज अपने वतन वापस आ गया। बाघाा बार्डर पर भारतीय अधिकारियों द्वारा जितेन्द्र को रिसीव कर उसका स्वागत कियाा गया। अनुमान है कि अमृतसर होते कल 4 माई तक जितेन्द्र अपने गृह नगर सिवनी पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि  पिछले पांच वर्षों से पाकिस्तान की जेल बंद बरघाट निवासी जितेन्द्र अर्जुनवार को लेने उसका भाई भरत और एक पुलिसकर्मी बुधवार की शाम को रवाना हुए थे। पाकिस्तान से जितेन्द्र की रिहाई के लिए सिवनी पुलिस के प्रयास रंग लाए हैं। जिसके बाद पांच वर्षों के बाद बरघाट के युवा की रिहाई संभव हो सकी है। हांलकि इस दौरान जितेन्द्र की शारीरिक हालत काफी खराब हुई बताई जा रही है। उसे एनिमिया की बीमारी है। 

क्या है मामला 
बरघाट के वार्ड छह का रहने वाला युवक जितेन्द्र अर्जुनवार पिता ईश्वर दास अर्जुनवार शुरूआत से ही काफी महात्वाकांक्षी रहा है। 2002 में जब उसकी उम्र तकरीबन 15-16 वर्ष थी तभी वह घर से भाग गया था। परिजनों ने उसे खोजने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मला। पुलिस ने भी सात वर्षों के बाद रिपोर्ट पर खात्मा लगा दिया। बेटे के गम में उसके पिता कुछ ही दिनों बाद चल बसे थे। तकरीबन दस वर्षों के बाद तीस जून 2012 में एक बार फिर जितेन्द्र घर वापस आ गया। उसने इन दस वर्षों में कहां रहा, कैसे रहा आदि की जानकारी नहीं दी। घर वापसी के बाद कुछ दिन उसने बरघाट की गलियों में संतरे बेचने का काम शुरू किया। इसके बाद एक बार फिर उसकी तबीयत खराब हुई और उसने काम छोड़ दिया। 

एक बार फिर भागा 
इसके बाद एक बार फिर जितेन्द्र घर से चला गया। जितेन्द्र का कहना था कि वह किसी काम के सिलसिले में बाहर जा रहा है। जल्द ही वापस आ जाएगा लेकिन अगस्त 2013 में उसके पाकिस्तान की खोखरापार जेल में उसकी गिरफ्तारी की खबर सामने आई। बताया गया कि उसने अनजाने में सीमा पार कर ली थी। जिसके बाद से वह जेल में ही था। 

भाई और पुलिसकर्मी गए हैं लेने 
जितेन्द्र को घर वापस लाने के लिए भरत अर्जुनवार और बरघाट थाने के सहायक उप निरिक्षक राजेश सरेठा जा रहे हैं। उसके मेडिकल परीक्षण और बाकी औपचारिकताएं निबटाने के बाद उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। जितेन्द्र को लेकर भाई भरत और पुलिसकर्मी छह मई तक वापस आ सकते हैं। 

Created On :   3 May 2018 2:28 PM IST

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