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लाईसेंस रद्द करने के फैसले के खिलाफ अदालत पहुंची जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बच्चों का पावडर बनानेवाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने राज्य सरकार की ओर से लाइसेंस रद्द करने को लेकर जारी आदेश के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। बुधवार को अवकाशकालीन न्यायमूर्ति एनजे जमादार व न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया गया।
कुछ देर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को नौ सितंबर तक कंपनी की ओर से दायर की गई याचिका पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और याचिका पर सुनवाई 10 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने याचिका पर निर्देश लेने व हलफनामा दायर करने के लिए समय की मांग की। जिसे स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 10 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके साथ ही राज्य सरकार को मामले को लेकर कोलकता के प्रयोगशाला में पावडर के नमूने को लेकर की गई जांच की रिपोर्ट भी कंपनी को देने का निर्देश दिया है।
याचिका में मुख्य रुप से अन्न व औषध प्रशासन (एफडीए) की ओर से 15 व 20 सितंबर 2022 को जारी किए गए आदेश को चुनौती दी गई है। जिसके तहत कंपनी को तत्काल अपने उत्पाद का निर्माण बंद करने का निर्देश दिया गया था। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक न्याय का पालन किए बगैर ही लाइसेंस को रद्द करने का आदेश जारी किया है। याचिका के मुताबिक कंपनी मुंबई के मुलुंड स्थित अपनी इकाई में 57 सालों से बेबी पावडर बना रही है। साल 2020 में कंपनी के लाइसेंस का नवीनीकरण किया गया था।
गौरतलब है कि मुंबई के मुलुंड इलाके में जॉनसन बेबी पाउडर के उत्पादन की इकाई है। नमूनों की जांच में पाउडर में बच्चों के लिए हानिकारक तत्व पाए जाने के बाद एफडीए ने लाइसेंस रद्द करने का फैसला किया है। एफडीए के मुताबिक बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जॉनसन बेबी पाउडर में पीएच तय मानक के मुताबिक नही था। इसलिए इसके इस्तेमाल से नवजातों और छोटे बच्चों को त्वचा से जुड़ी परेशानी हो सकती है। लिहाजा मुंबई के मुलुंड इलाके में हो रहा पावडर का उत्पादन बंद कर दिया गया है।
Created On :   26 Oct 2022 10:18 PM IST