कोर्टरूम में भीड़ से नाराज हुए जज ने कहा - नियमों का पालन न हुआ तो बंद कर देंगे सुनवाई 

Judge angry with the crowd in the courtroom said - If the rules are not followed, we will stop the hearing
कोर्टरूम में भीड़ से नाराज हुए जज ने कहा - नियमों का पालन न हुआ तो बंद कर देंगे सुनवाई 
कोर्टरूम में भीड़ से नाराज हुए जज ने कहा - नियमों का पालन न हुआ तो बंद कर देंगे सुनवाई 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोर्ट कक्ष में भारी भीड़ से नाराज बांबे हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ न्यायमूर्ति ने आगाह किया है कि यदि अदालत में सामाजिक दूरी से जुड़े नियम का पालन नहीं किया गया तो वे मामले की सुनवाई नहीं करेंगे। प्रसंगवश न्यायमूर्ति ने अमरावती जिले की उस घटना का जिक्र भी किया जहां 60 वकील कोरोना संक्रमित पाए गए है। आपराधिक मामलों की सुनवाई करनेवाली न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की खंडपीठ ने कोर्ट में भारी भीड़ को देखने के बाद अपने स्टाफ को कहा कि वे पुलिस अधिकारी, वकील व पक्षकारों को कोर्ट कक्ष के बाहर अपनी बारी आने तक इंतजार करने को कहे। न्यायमूर्ती शिंदे ने कहा कि कोर्ट कक्ष में भीड़ न बढाई जाए नहीं तो वे किसी भी मामले की सुनवाई नहीं करेंगे। न्यायमूर्ति ने कहा कि कोर्ट कक्ष में भीड़ करना और सामाजिक दूरी का पालन न करना कोरोना की रोकथाम को लेकर हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का उल्लंघन है। 

अमरावती में 60 वकीलों के संक्रमित होने का किया उल्लेख 

न्यायमूर्ति ने कहा कि जब कोर्ट में प्रत्यक्ष सुनवाई की शुरुआत की गई थी। उस समय ही एसओपी का पालन करना अनिवार्य किया गया था। इसलिए सामाजिक दूरी से जुड़े नियम का पालन किया जाए। सामाजिक दूरी का पालन स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिहाज से सभी के हित में है। हम (न्यायमूर्ति) खुद एक अंतर पर बैठ रहे हैं। सौभाग्य से हमारे यहां पर कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है। हम सहीं दिशा में चल रहे हैं। ऐसे में हम नहीं चाहते है कि दोबारा हमे ऑनलाइन सुनवाई की शुरुआत करनी पड़े। इस दौरान न्यायमूर्ति ने सभी वकीलों को हर समय मास्क पहनने की नसीहत दी। 

यह पहला मौका नहीं है, जब हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ने कोर्ट में आनेवाले लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करने को लेकर सख्ती दिखाई है। इससे पहले न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने भी इस विषय पर नाराजगी जाहिर की थी। वहीं न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने सुनवाई के दौरान एक वकील के मास्क निकालने को लेकर अप्रसन्नता जाहिर की थी। न्यायमूर्ति चव्हाण ने कहा था कि यदि वकील मास्क निकालेगे तो वे सुनवाई नहीं करेंगे। 
 

Created On :   1 March 2021 2:41 PM GMT

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