चित्रकूट के जुड़वा भाइयों के अपहरण व हत्या के मामले में आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा 5 अप्रैल तक बढ़ाई

Judicial custody accused of abduction and murder of twin brothers of Chitrakoot extended till April 5
चित्रकूट के जुड़वा भाइयों के अपहरण व हत्या के मामले में आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा 5 अप्रैल तक बढ़ाई
चित्रकूट के जुड़वा भाइयों के अपहरण व हत्या के मामले में आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा 5 अप्रैल तक बढ़ाई

डिजिटल डेस्क, सतना। चित्रकूट से 6 साल के जुड़वा भाइयों श्रेयांश और प्रियांश का अपहरण कर 20 लाख की फिरौती वसूलने और फिर निर्मम हत्या करने के सेंट्रल जेल में न्यायिक अभिरक्षा में बंद 6 आरोपियों के विरुद्ध विशेष न्यायाधीश एनएस डाबर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी ली। इस दौरान नयागांव पुलिस ने अदालत को बताया कि अभी विवेचना जारी है। कोर्ट ने आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा  5 अप्रैल तक बढ़ा दी है। इसी बीच पुलिस सूत्रों के मुताबिक वारदात से जुड़े अभी कुछ अहम गवाहों से आरोपियों की शिनाख्तगी बाकी है।   

उधर, सीबीआई जांच में राज्य सरकार की रुचि नहीं   
चित्रकूट के बहुचर्चित अपहरण और हत्याकांड की निर्मम वारदात के 42 दिन बाद भी राज्य शासन ने मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने में रुचि नहीं दिखाई है। परिजनों की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिख कर सीबीआई जांच के लिए शासन स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जाने का आग्रह किया था। जबकि इसके विपरीत मामले की गंभीरता के मद्देनजर यूपी के राज्यपाल रामनाइक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की सिफारिश की है।

मजिस्ट्रीयल जांच के लिए रिकार्ड तलब
उधर, इस मामले में मजिस्ट्रीयल जांच के लिए अपर जिला मजिस्ट्रेट आईजे खलको ने नयागांव पुलिस से एफआईआर समेत घटनाक्रम से जुड़े अन्य अहम दस्तावेज तलब किए हैं। जिला मजिस्ट्रेट सतेन्द्र सिंह ने 14 मार्च को मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश देते हुए जांच की जिम्मेदारी अपर कलेक्टर को सौंपी थी। सूत्रों के आरोप के मुतताबिक नयागांव पुलिस ने अभी तक मजिस्ट्रीयल जांच के लिए वांछित रिकार्ड नहीं उपलब्ध कराए हैं।

यहां एडी एक्ट की स्पेशल कोर्ट के समक्ष चार्जशीट पेश करने के लिए अब महज 58 दिन बचे हैं। मंगलवार को आरोपियों की गिरफ्तारी के 32 दिन पूरे हो गए। विधिक मामलों के जानकार बताते हैं कि अगर पुलिस गिरफ्तारी से 90 दिन के अंदर आरोपियों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र (चार्जशीट) पेश नहीं करती है तो आरोपियों को जमानत का लाभ मिलना तय है। ऐसे में ये आशंका भी बढ़ जाती है कि जमानत पर बाहर आए आरोपी पुलिस की विवेचना को भी प्रभावित कर सकते हैं?  

9 दिन रहे पुलिस के पास
उल्लेखनीय है, मासूम जुड़वा भाइयों के अपहरण और हत्या के आरोपी पदम शुक्ला पिता राकरण शुक्ला, आलोक उर्फ लकी तोमर पिता सत्येन्द्र सिंह, विक्रम सिंह पिता प्रहलाद, राज द्विवेदी पिता राकेश द्विवेदी, रामकेश यादव पिता रामचरण और अपूर्व यादव उर्फ पिंटा पिता रामनरेश यादव को पुलिस ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। आईपीसी के सेक्सन 341, 364 ए , 34, 120 बी, 302, 25-27 आर्म्स एक्ट और 11-13 एडी एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को पुलिस ने पहली बार 24 फरवरी को चित्रकूट के न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था। दो किश्तों में आरोपी 9 दिन पुलिस की रिमांड पर रहे।  

 

Created On :   27 March 2019 12:54 PM GMT

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