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जिस तरह दूसरे कानूनों में जब्ती का प्रावधान है, वैसा ऑटो के मामले में क्यों नहीं?-हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार से पूछा है कि दूसरे कानूनों की तरह शहर की सड़कों पर धमाचौकड़ी और नियमों का उल्लंघन करने वाले ऑटो को जब्त करने क्या कोई प्रावधान है? एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कानून का अध्ययन करने सरकार को एक सप्ताह का समय देकर सुनवाई मुल्तवी कर दी।
ऑटो लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं
सतना बिल्डिंग निवासी अधिवक्ता सतीश वर्मा की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि शहर की सड़कों पर बेखौफ होकर चलने वाले ऑटो लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं। ऐसे ऑटो न सिर्फ शहर की यातायात व्यवस्था चौपट करते हैं, बल्कि इस हद तक सवारियों को बैठाते हैं कि हमेशा उनकी जान का खतरा बना रहता है। ऐसे ऑटो शहर की सड़कों को हाई स्पीड पर चलते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं, जिन्हें सड़क पर चलने वाले लोगों की जान की परवाह ही नहीं होती। आवेदक का आरोप है कि शहर की सड़कों पर धमाचौकड़ी मचाने वाले ऑटो के संचालन को लेकर कई बार सवाल उठे, लेकिन जिला प्रशासन अब तक उनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठा पाने में नाकाम रहा है। इन ऑटो के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई थी।
कानून का अध्ययन करने एक सप्ताह का समय मांगा
मामले पर सोमवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ग्रीष्म जैन व राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता प्रवीण दुबे हाजिर हुए। श्री दुबे ने युगलपीठ को बताया कि राज्य सरकार ने स्मार्ट कार्ड खरीदने 40 लाख रूपए स्वीकृत किए हैं। वहीं सर्वे के कार्य के लिए दूसरी एजेन्सी की नियुक्ति की गई है। सुनवाई के दौरान यह मुद्दा उठा कि जिस तरह माईनिंग व दूसरे कानूनों में नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त करने का प्रावधान है, वैसा प्रावधान नियमों का उल्लंघन करने वाले ऑटो के संबंध में है या नहीं। इस पर कानून का अध्ययन करने श्री दुबे ने एक सप्ताह का समय मांगा, जो युगलपीठ ने प्रदान किया।
Created On :   24 Sept 2019 3:14 PM IST