मानसून की बेरुखी से संतोषजनक नहीं है खरीफ की बुवाई

Kharif sowing is not satisfactory due to the absurdity of monsoon
मानसून की बेरुखी से संतोषजनक नहीं है खरीफ की बुवाई
मंत्रिमंडल की बैठक में हुई चर्चा  मानसून की बेरुखी से संतोषजनक नहीं है खरीफ की बुवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में संतोषजनक बारिश नहीं होने के कारण खरीफ फसलों की बुवाई में देरी हो रही है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ फसल सीजन के बारे में गंभीरता से समीक्षा की गई। बैठक में अफसरों ने बताया कि राज्य में खरीफ की बुवाई की स्थिति संतोषजनक नहीं है। पिछले साल अब तक खरीफ की बुवाई पूरी हो गई थी। पर इस साल 20 लाख 30 हजार हेक्टेयर यानी 13 प्रतिशत क्षेत्र में गी खरीफ की बुवाई हो सकी है। पिछले साल राज्य में अब तक लगभग 270 मिली बारिश हुई थी। इसकी तुलना में इस साल केवल 134 मिमी बारिश हुई है। प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुभाष देसाई ने मंत्रिमंडल को बताया कि 29 जून को प्रदेश के शहरों में जलापूर्ति की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। इसके लिए राज्य के सभी मनपा आयुक्त और जिलाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई गई है।

राज्य में 496 टैंकरों से जलापूर्ति 

राज्य के 610 गांवों और 1266 बस्तियों में 496 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। इसमें 66 सरकारी टैंकरों और 430 निजी टैंकरों का समावेश है। बारिश शुरू होने के चलते पिछले सप्ताह की तुलना में फिलहाल 31 टैंकर कम हुए हैं। जबकि 24 गांवों और 130 बस्तियां भी टैंकर मुक्त हो गई हैं। 

विभागवार जल भंडारण 

राज्य के जलाशयों में मंगलवार को जलभंडारण 21.82 प्रतिशत है। अमरावती विभाग के जलाशयों में 33.80 प्रतिशत, नागपुर विभाग के जलाशयों में 26.81 प्रतिशत, औरंगाबाद विभाग के जलाशयों में 27.10 प्रतिशत, नाशिक विभाग के जलाशयों में 20.02 प्रतिशत,
कोंकण विभाग के जलाशयों में 34.43 प्रतिशत और पुणे विभाग के जलाशयों में 12.35 प्रतिशत जल संचय उपलब्ध है। 
 

Created On :   28 Jun 2022 9:22 PM IST

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