जानिए - NCP विधायकों में कांग्रेस और शिवसेना के मंत्रियों को लेकर क्यों बढ़ी नाराजगी 

Know why displeasure increased among NCP MLAs regarding Congress and Shiv Sena ministers
जानिए - NCP विधायकों में कांग्रेस और शिवसेना के मंत्रियों को लेकर क्यों बढ़ी नाराजगी 
खटास! जानिए - NCP विधायकों में कांग्रेस और शिवसेना के मंत्रियों को लेकर क्यों बढ़ी नाराजगी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा विधायकों में अपने क्षेत्र से जुड़े विकास कामों को कांग्रेस और शिवसेना के मंत्रियों द्वारा न किए जाने से नाराजगी है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के सामने पार्टी के विधायकों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। बुधवार को यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में राकांपा के विधायकों और साल 2019 के विधानसभा चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों की बैठक हुई। इसमें राकांपा के विधायकों की समस्याओं और आगामी नगर निकाय चुनावों की तैयारी को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में राकांपा के विधायकों और चुनाव हारे हुए उम्मीदवारों ने कहा कि कांग्रेस और शिवसेना के मंत्री हमारे क्षेत्र से जुड़े विकास के कार्य नहीं कर रहे हैं। इसके बाद बैठक में तय हुआ कि राकांपा के मंत्री अपनी पार्टी के विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े कामों को करने के लिए खुद प्रयास करेंगे।

सहयोगी दलों के मंत्रियों को लेकर राकांपा के विधायकों की नाराजगी पर पार्टी प्रवक्ता तथा प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि सरकार में हर मंत्री का अपने दल के विधायकों के प्रति झुकाव होता है। प्रदेश में दो दलों की गठबंधन सरकार के समय भी विधायकों की काम नहीं होने की शिकायत रहती थीं। अब राज्य में तीन दलों की सरकार है। हर विधायक को लगता है उनके क्षेत्र में अधिक विकास काम होना चाहिए। लेकिन हमारे लिए विधायकों की नाराजगी कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। मलिक ने कहा कि राकांपा के मंत्री अपने विधायकों और हार हुए उम्मीदवारों के क्षेत्र के विकास कामों को पूरा करने के लिए ध्यान देंगे। इसी बीच मलिक ने कहा कि राकांपा राज्य में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण बहाल होने तक स्थानीय निकाय के चुनाव नहीं चाहती है।

सरकार कानून बनाकर ओबीसी आरक्षण बहाल करने के विकल्प पर विचार कर रही है। लेकिन यदि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्थगित किए गए स्थानीय निकाय चुनाव होंगे तो राकांपा ओबीसी की सीटों पर अन्य पिछड़ा वर्ग से ही उम्मीदवार उतारेगी। मलिक ने कहा कि राकांपा कोविड के नियमों का पालन करते हुए पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जनता के सामने अपनी भूमिका रखेगी। मलिक ने बताया कि राकांपा के प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार दोबारा शुरू होगा। इसके अलावा राकांपा के पालक मंत्री अपने जिले के जिलाधिकारी कार्यालय और राकांपा के संपर्क मंत्री जिले के पार्टी कार्यालय में जनता दरबार आयोजित करेंगे

स्थानीय परिस्थिति के अनुसार होगा गठबंधन का फैसला

मलिक ने कहा कि राज्य में होने वाले मनपा, नगर पालिका और जिला परिषद के चुनावों में हर जगह पर कांग्रेस और शिवसेना के साथ गठबंधन नहीं होगा। स्थानीय परिस्थिति के अनुसार कांग्रेस और शिवसेना के साथ गठबंधन करने का फैसला लिया जाएगा। मलिक ने बताया कि नगर निकाय चुनावों को देखते हुए राकांपा के मंत्रियों को जिलों में दौरा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। 


 

Created On :   8 Sept 2021 7:48 PM IST

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