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कोरोना संक्रमण - कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बहुत मुश्किल, कम्युनिटी स्प्रेड के ठोस संकेत, मरीजों को कहाँ रखें, प्रशासन का रुख स्पष्ट नहीं
डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्रदेश के दो महानगरों इन्दौर और भोपाल की तर्ज पर जबलपुर में भी कोरोना पॉजिटिव का आँकड़ा अचानक तीन अंकों में पहुँच गया। इससे पहले आधा सैकड़ा तक भी पॉजिटिव नहीं पहुँचे थे, शुक्रवार को पेंडिंग सैम्पल निपटाए गए तो कोरोना का विस्फोट हो गया। रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि इन्दौर-भोपाल में जिस तरह कोरोना किन्हीं विशेष क्षेत्रों में केन्द्रित था, वहीं जबलपुर के ढेर इलाकों में वायरस का फैलाव स्पष्ट दिख रहा है, जो कम्युनिटी स्प्रेड का ठोस संकेत भी है। मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से जुड़े एक अधिकारी ने स्वीकार किया है कि अब यह पता लगाना मुश्किल होता जा रहा है कि कौन सा मरीज किसके संपर्क में आया? वहीं प्रशासन इन ढेर मरीजों को कहाँ रखकर कोरोना का संक्रमण रोकेगा, यह भी समझ से परे है।
संख्या तो बढ़ेगी ही
एक प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि हर शहर में संक्रमण बढ़ेगा, पर विस्फोट की स्थिति किस शहर की कब आएगी? ये कोई नहीं बता सकता, हाँ, आएगी जरूर और यह तय है। वहीं चिकित्सा विशेषज्ञ कहते हैं कि जबलपुर में प्रशासनिक इंतजाम बहुत सीमित हैं, अगर संक्रमण पर काबू नहीं पाया गया तो प्रशासन के पास जवाब नहीं होगा कि मरीजों को कहाँ रखा जाए?
क्या कहते हैं आँकड़े
पिछले 3-4 महीनों में कोरोना मरीजों के इलाज पर यदि नजर डाली जाए तो आँकड़े बताते हैं कि शुक्रवार शाम 6 बजे तक 1304 मरीज पॉजिटिव मिल चुके हैं, जिनमें से 29 मरीज जान से हाथ धो बैठे हैं और एक्टिव केस 446 हैं। एक्टिव केस का मतलब है, जो 402 मरीज अस्पताल में इलाजरत हैं और 44 होम आइसोलेशन का लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा 1613 लोग संदिग्ध कोरोना मरीज हैं। इनमें से 505 संस्थागत क्वारंटीन हैं, जबकि 710 होम क्वारंटीन हैं। संदिग्ध 398 के बारे में प्रशासन के रिकॉर्ड में कोई जानकारी नहीं है।
Created On :   1 Aug 2020 6:31 PM IST