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भीमा-कोरेगांव मामला : नवलखा को गिरफ्तारी से दो दिसंबर तक अंतरिम राहत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को दो दिंसबर तक अंतरिम राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने कहा कि नवलखा को अगस्त 2018 में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी गई थी। जो 12 नवंबर तक जारी थी। ऐसे में हम नवलखा को दो दिसंबर तक गिरफ्तारी से राहत देते है। न्यायमूर्ति पीडी नाईक ने नवलखा के आवेदन पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया। इससे पहले विशेष सरकारी वकील अरुणा पई ने कहा कि नवलखा को एक साल तीन महीने से गिरफ्तारी संरक्षण मिला हुआ है। इसलिए नवलखा को और गिरफ्तारी से राहत देने ठीक नहीं है। यह राहत अंतहीन नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा यदि आरोपी को राहत चाहिए तो उसे सुप्रीम कोर्ट में अावेदन करना चाहिए न की हाईकोर्ट। क्योंकि 12 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को राहत दी थी। पुणे कोर्ट ने भी नवलखा को राहत देने से इंकार कर दिया था।
वहीं नवलखा के वकील युग चौधरी ने कहा कि आखिर पुलिस मेरे मुवक्किल की गिरफ्तारी को लेकर इतनी आतुर क्यों है? पुलिस ने अब तक मेरे मुवक्किल का एक बार भी बयान तक नहीं दर्ज किया है। इसके अलावा भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी आनंद तेलतुंबडे को कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है। नवलखा व तेलतुंबडे के मामले में काफी समानता है। इसलिए दोनों मामलों को यदि एक साथ सुना जाएगा तो बेहतर। तेलतुंबडे मामले की सुनवाई 2 दिसंबर को रखी गई है। इसलिए तब तक मेरे मुवक्किल को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी जाए। हालांकि सरकारी वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि नवलखा को लेकर मिले सबूतों में तेलतुंबडे की तुलना में काफी भिन्नता है। इसलिए नवलखा को गिरफ्तारी से राहत न दी जाए। गौरतलब है कि पुणे कोर्ट ने नवलखा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसलिए अब नवलखा ने हाईकोर्ट में जमानत आवेदन दायर किया है। आवेदन में नवलखा ने कहा है कि मेरी इस मामले में कोर्ई भूमिका नहीं है। जबकि पुलिस ने नवलखा पर अपारधिक षड़यंत्र में शामिल होने व अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून की धारा के तहत मामला दर्ज किया है।
Created On :   15 Nov 2019 7:34 PM IST